निजी विद्यालय की तरह चमक रहे परिषदीय स्कूल
रामपुर : परिषदीय विद्यालय अपनी खराब छवि के लिए बदनाम हो चुके हैं। यहां पर बच्चों के लिए बुनियादी सुविधाओं की कमी है। एक तरफ जहां निजी विद्यालयों में आधुनिक टेक्नीक से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। दूसरी ओर परिषदीय विद्यालयों के बच्चे टाट-पट्टी पर बैठकर क, ख, ग सीख रहे हैं। हालांकि उच्चतम न्यायालय ने भी राज्य सरकार से इन विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के आदेश दिए हैं।
यह सुविधाएं कब लागू होंगी, कहा नहीं जा सकता। इस दिशा में रामपुर में एक पहल शुरू हो चुकी है जो स्वार ब्लाक में तैनात खंड शिक्षाधिकारी सददीक अहमद ने की है। वह अब तक साठ विद्यालयों का कायाकल्प करा चुके हैं। वह विद्यालयों का औचक निरीक्षण नहीं कर रहे हैं, बल्कि एक माह का समय देने के बाद निरीक्षण कर रहे हैं। इस दौरान वह अकेले न जाकर पूरी टीम के साथ जाते हैं। विद्यालय का निरीक्षण करते हैं, बल्कि स्वयं टीम के साथ पढ़ाकर भी दिखाते हैं। इसमें शिक्षकों के अलावा विद्यालय प्रबंध समिति और ग्राम प्रधान बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। इमरता राय गांव के प्रधान जाबिर अली देशप्रेमी ने तो विद्यालय को कीमती फर्नीचर तक दान किया। लखीमपुर, दूंदावाला, नरपतनगर, पीपलसाना, बिजारखाता, रुस्तमनगर निकट रायपुर, फरीदपुर, समोदिया, जलिफ नगला आदि समेत पांच दर्जन विद्यालय चकाचक हो गए हैं। सुधार योजना में प्रधान व एसएमसी के सदस्य खासी दिलचस्पी ले रहे हैं। विद्यालयों में उत्सव का माहौल है। एक तरफ जहां विद्यालय में शैक्षिक वातावरण सुधर रहा है तो वहीं बच्चों की उपस्थिति लगातार सुधर रही है। शिक्षक भी पढ़ाने की नई-नई तकनीक सीखकर अपने विद्यालयों में लागू कर रहे हैं। इस मुहिम का असर अब ब्लाक तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि शाहबाद, सैदनगर और मिलक ब्लाक में भी दिख रहा है। यह एक अच्छा संकेत है। इससे परिषदीय विद्यालय निजी विद्यालयों की तरह चमचमाने लगे हैं।
विद्यालयों के निरीक्षण और सुधार के लिए हमने मुहिम चलाई है। वह कामयाब हो रही है। शिक्षकों के अलावा ग्रामीणों में भी उत्साह का माहौल है। 432 विद्यालयों में से अब तक 60 का कायाकल्प हो चुका है। शेष का जारी है।
सददीक अहमद, खंड शिक्षाधिकारी स्वार