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मथुरा : पवेसरा में प्रधानाध्यापक को नहीं आता 13 का पहाड़ा

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मथुरा : पवेसरा में प्रधानाध्यापक को नहीं आता 13 का पहाड़ा
   

राया (मथुरा)। पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को 13 का पहाड़ा नहीं आता तो वह बच्चों को कैसे पढ़ाते होंगे, यह समझा जा सकता है। यह स्थिति एडीएम (वित्त एवं राजस्व) रवींद्र कुमार को पूर्व माध्यमिक विद्यालय पवेसरा के आकस्मिक निरीक्षण में मिली। स्कूल में सिर्फ दो ही बच्चे मौजूद थे। प्रधानाध्यापक के अलावा अन्य कोई अध्यापक मौजूद नहीं था। प्रधानाध्यापक भी बच्चों को पढ़ाने के बजाय खुद कछुआ की कहानी पढ़ रहे थे। निरीक्षण की रिपोर्ट डीएम को दी जाएगी।
बुधवार को एडीएम और उनके साथ एसडीएम मांट सदानंद गुप्ता व एसडीएम महावन गरिमा सिंह स्कूल में निरीक्षण करने पहुंचे। स्कूल में प्रधानाध्यापक धर्मवीर सिंह मौजूद मिले, लेकिन वह बच्चों को पढ़ा नहीं रहे थे। नामांकित 37 बच्चों के सापेक्ष दो बच्चे ही मिले और वे खेलने में मशगूल थे। अध्यापिका भारती वर्मा के बारे में पूछा गया तो बताया गया कि उन्होंने प्रधानाध्यापक से फोन पर ही अवकाश ले लिया है। विद्यालय के कागजों में अवकाश की कोई सूचना अंकित नहीं थी। नोटिस बोर्ड पर दिसंबर और 20 फरवरी की तारीख लिखी थी, जिससे यह अंदाजा लगाया गया कि बच्चों को तब से पढ़ाया ही नहीं गया है। एडीएम ने प्रधानाध्यापक से 13, 17 और 19 का पहाड़ा सुनाने को कहा तो वह बगलें झांकने लगे। कोई भी पहाड़ा ठीक से नहीं सुना पाए। कक्षा सात के छात्र ललित कुमार से पहाड़ा सुनाने को कहा गया तो उसका जवाब था कि उसे पांच तक ही पहाड़े आते हैं। जब चार का पहाड़ा सुनाने को कहा गया तो वह भी नहीं बता पाया। एडीएम ने बताया कि अध्यापिका अक्सर किसी न किसी बहाने अवकाश पर रहती हैं। दो बच्चे थे, जबकि मिड-डे मील 22 बच्चों का दिखाया गया। कागजात एकत्रित कर लिए है, रिपोर्ट जिलाधिकारी को देंगे।

आलू की खुदाई में व्यस्त हैं बच्चे
प्रधानाध्यापक धर्मवीर सिंह के अनुसार बच्चे खेतों में आलू की खुदाई में व्यस्त हैं। वह कई बार उनके घर गए हैं, लेकिन अभिभावकों द्वारा कहा जाता है कि बच्चे अब होली के बाद ही स्कूल आएंगे। बच्चे मिड-डे मील खाने के लिए आते हैं और फिर चले जाते हैं।

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