स्कूलों में छठी से नौवीं तक एकसमान मूल्यांकन, सीबीएसई से संबद्ध देश के 18,688 स्कूलों में लागू होगा फैसला
अनुशासन का भी होगा मूल्यांकन
सीबीएसई के नए फरमान के तहत छठी से आठवीं तक के बच्चों के अनुशासन का भी मूल्यांकन होगा। परिपत्र के अनुसार हाजिरी, व्यवहार, साफ-सफाई, नियमों के प्रति बच्चे का सम्मान, समाज के प्रति रवैये का मूल्यांकन किया जाएगा। जिसमें छात्रों को टर्म के अनुसार उत्कृष्ट, बहुत अच्छा और सुंदर ग्रेड दिए जाएंगे।
अब ग्रेड के साथ अंक भी मिलेंगे : सीबीएसइ स्कूलों में मूल्यांकन के यूनिफार्म सिस्टम लागू होने से 2009 से चल रही निरंतर और व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) प्रणाली खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही छठी से आठवीं तक के बच्चों को ग्रेड के साथ अंक भी मिलने लगेंगे। यूनिफार्म सिस्टम के तहत छठी से आठवीं तक के बच्चों को साल में 100-100 नंबर की दो परीक्षाएं देनी होंगी। जिसमें से 80 नंबर अर्धवार्षिक लिखित परीक्षा के होंगे जबकि 20 नंबर नियत कालीन होने वाली परीक्षाओं के होंगे। यही प्रारूप वार्षिक परीक्षा में भी चलेगा। रिजल्ट में ग्रेडिंग भी जोड़ी जाएगी।
सीबीएसई से संबद्ध देश के 18,688 स्कूलों में लागू होगा फैसला
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा छठी से नौवीं कक्षा तक की मूल्यांकन प्रक्रिया में बदलाव करने के लिए यूनिफार्म सिस्टम लागू करने का फैसला लिया है। इस फैसले के तहत देश भर के 18,688 सीबीएसई संबंद्ध स्कूल में छठी कक्षा से नौंवी तक मूल्यांकन प्रक्रिया एक जैसी होगी। जबकि आठवीं तक परीक्षा और रिजल्ट प्रारूप भी एक समान होगा। 1सीबीएसई संबंद्ध स्कूलों में : आगामी शैक्षणिक सत्र से छठी से आठवी कक्षा तक कोई भी बच्चा फेल नहीं होगा। अगर बच्चे के 32 से कम नंबर आते हैं तो उन्हे ई ग्रेड के साथ सुधार की जरूरत लिखी जाएगी। हालांकि आठवीं तक के बच्चों को साल में दो बार परीक्षाएं देनी होंगी। जबकि नौवीं कक्षा की परीक्षा व्यवस्था दसवीं कक्षा की तरह होगी और बच्चों को रिजल्ट भी दसवीं की तरह जारी होगा। इस संबंध में सीबीएसई ने सभी स्कूलों को परिपत्र जारी कर दिया है। परिपत्र में सीबीएसई ने कहा है कि दसवीं बोर्ड के लिए बच्चों का आत्मविश्वास छठी कक्षा से ही बढ़ाने के लिए यूनिफार्म सिस्टम लागू करने का फैसला लिया गया है। 1परिपत्र में कहा गया हे कि अभी तक सीबीएसई संबंद्ध स्कूलों में छठी से नौवीं तक मूल्यांकन और परीक्षा प्रक्रिया अलग-अलग हैं। जबकि स्कूलों का रिजल्ट प्रारूप भी अलग-अलग है। देखा गया है कि इस दौरान अगर बच्चा किसी अन्य स्कूल में स्थानांतरण लेता है तो उन्हे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन यूनिफार्म सिस्टम लागू होने से बच्चे कहीं भी असानी से दाखिला ले सकेंगे।