इलाहाबाद : छूटे अभ्यर्थियों की परीक्षा 22 अप्रैल से, यूपी बोर्ड, शासन तक होगी शिकायत
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : परीक्षा 2017 में जिन अभ्यर्थियों की इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षा किसी वजह से छूट गई है उन्हें एक मौका और दिया गया है। प्रदेश भर में 22 से 25 अप्रैल के बीच ऐसे परीक्षार्थी इम्तिहान दे सकेंगे। की सचिव शैल यादव ने बताया कि परीक्षार्थियों को यह अंतिम अवसर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिन स्कूलों में प्रायोगिक परीक्षा ही नहीं हो सकी है, वहां भी परीक्षक भेजकर इन्हीं तारीखों में प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। साथ ही जिन विद्यालयों में परीक्षार्थी किसी वजह से छूट गए हैं उनका इम्तिहान जिला मुख्यालय पर राजकीय इंटर कालेज में होगा। यदि जीआइसी नहीं है तो वहां के ख्यातिप्राप्त अशासकीय सहायता प्राप्त कालेज में परीक्षा कराई जाएगी। छूटे छात्र-छात्रएं पंजीकृत विद्यालय और डीआइओएस से संपर्क करके परीक्षा में शामिल हों। 1प्राप्तांक 25 मार्च तक अपलोड करें : परिषद सचिव ने बताया कि हाईस्कूल के परीक्षार्थियों की प्रयोगात्मक परीक्षा (आंतरिक मूल्यांकन) के प्राप्तांक, नैतिक खेल व शारीरिक शिक्षा के ग्रेड तथा इंटरमीडिएट की खेल व शारीरिक शिक्षा के प्राप्तांक विद्यालयों के प्रधानाचार्यो को परिषद की वेबसाइट पर अपलोड करना था। इसकी अंतिम तारीख 28 फरवरी तय थी, किंतु तमाम विद्यालयों ने अब तक प्राप्तांक अपलोड नहीं किए हैं। सचिव ने छूटे छात्र-छात्रओं के प्राप्तांक हर हाल में 25 मार्च तक परिषद की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया है। 1’>> जिला मुख्यालय के जीआइसी या अशासकीय विद्यालय में इम्तिहान 1’>> पंजीकृत विद्यालय व डीआइओएस से सम्पर्क कर परीक्षा में हों शामिलराब्यू, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी की सचिव शैल यादव से चित्रकूट जिले के एक अशासकीय कालेज के प्रधानाचार्य ने मंगलवार को दूरभाष पर बदजुबानी कर दी। प्रधानाचार्य ने उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन एवं कक्ष निरीक्षक ड्यूटी के धन भुगतान की मांग गलत तर्को के आधार पर की। सचिव ने समझाया कि पूरा भुगतान किया जाएगा, यदि कोई धन की कमी है तो डिमांड भेजिए। इस पर प्रधानाचार्य ने कहा कि यूपी में कुछ नहीं बदल रहा है। सीएम के पास यदि पैसा नहीं है तो वह पीएम से मांग लें। इस पर सचिव ने सख्त लहजे में फटकार लगाई और कहा कि राजनीतिक बात करने की जरूरत क्या है। सचिव प्रधानाचार्य को नोटिस जारी कर रही हैं और इसकी शिकायत शासन तक करने की तैयारी है।