30 प्राथमिक विद्यालयों के हैंडपंपों को रिबोर का इंतजार
संवाद सूत्र, अमौली : प्राथमिक विद्यालयों में लगे हैंडपंप खराब होने से गंभीर पेयजल संकट खड़ा हो गया है। रसोइया और बच्चों को घर से पानी लाना पड़ा रहा है। 30 प्राथमिक विद्यालयों के हैंडपंप को रिबोर का इंतजार है।
प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ बच्चों को शुद्ध पेयजल मिले इसके लिए हैंडपंप लगाए गए हैं। स्कूलों में लगे हैंडपंप पानी छोड़ चुके हैं, या छोड़ रहे हैं। अभी तो गर्मी आने से पहले के यह हालात हैं। भीषण गर्मी में स्थिति और भयावह हो जाएगी। खंड शिक्षाधिकारी के कार्यालय से जल निगम को खराब हैंडपंप की सूची भेजी गई है। उसमें प्राथमिक विद्यालय अमौली द्वितीय, धमना खुर्द, गोहरारी द्वितीय, झाऊपुर, भाजीताला, कुलखेड़ा, उच्चतर प्राथमिक विद्यालय कुलखेड़ा, प्राथमिक विद्यालय तारापुर, नोनारा, कंजरन डेरा, कीरत ¨सह का पुरवा, पनेरुवा, न्योरी जलालपुर, बकियापुर उच्च प्राथमिक विद्यालय पनेरुवा, नेवरी-जलालपुर, प्राथमिक विद्यालय चांदपुर, मकंदीपुर, गोंदहा, गो¨वदपुर बेलारी, तारनडेरा, उच्च प्राथमिक विद्यालय भिखनीपुर, रेंगना, ¨रठवा सहित 47 विद्यालयों के हैंडपंप रिबोर के लिए पड़े हैं। इसमें 17 हैंडपंप चुनाव दरम्यान ठीक कराए गए हैं। बाकी को अब भी रिबोर का इंतजार है। इन विद्यालयों के रसोइया या तो बच्चे पीने का पानी घरों से लाते हैं। पूरेराहत अली (गौरीपुर) की प्रधानाचार्या अनुराधा ने बताया उनके विद्यालय का हैंडपंप खराब है। चुनाव में भी उसे विभाग ने नहीं ठीक कराया है। मजबूरी में रसोइया पीने का पानी घर से लेकर आती है।
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'चुनाव से पूर्व विद्यालयों के खराब हैंडपंप की सूची जल निगम को भेजी गई थी। इसमें दस से पंद्रह हैंडपंप ही ठीक हो पाए हैं। बाकी खराब पड़े हैं। जिस कारण स्कूलों में पानी की समस्या है। पानी नहीं होगा तो बच्चों को घर से लाना ही पड़ेगा। रसोइया भी भोजन के लिए पानी घर से ला रही होंगी। अब फिर हैंडपंप ठीक कराने के लिए विभाग को लिखा जाएगा।'
पुष्पराज ¨सह, बीईओ अमौली