कुशीनगर : 93 मदरसों के विरुद्ध होगी कठोर कार्रवाई, निदेशक के पर हुई जांच में अस्तित्व में नहीं पाए गए, बिना अस्तित्व वाले मदरसों को नोटिस देने की तैयारी
जागरण संवाददाता, पडरौना, कुशीनगर: जनपद में लंबे समय से बिना अस्तित्व वाले 93 मदरसे 279 शिक्षकों के मानदेय के रूप में शासन के करोड़ों रुपये का भुगतान करा चुके हैं। शिकायत मिलने पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक ने मदरसों के शिक्षकों के मानदेय का भुगतान मदरसों के स्थलीय सत्यापन करने के बाद ही देने का दिया। निदेशक के के बाद जिलाधिकारी ने जांच टीम गठित कर दी। जनपद में मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत कुल 468 मदरसे हैं। स्थलीय जांच के दौरान 93 मदरसे अस्तित्व में नहीं पाए गए। हर मदरसा में तीन शिक्षक रखने का प्रावधान है।
स्नातक शिक्षक को छह हजार तो पीजी शिक्षक को 12 हजार रुपये देने की व्यवस्था है। इस तरह प्रति वर्ष ऐसे मदरसों के शिक्षकों को करोड़ों रुपये की मोटी फाइलें जरूर हैं, जिनके आधार पर प्रति वर्ष करोड़ों रुपये का भुगतान कराया जाता है। जब निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण ने यह फरमान जारी किया कि मदरसों की जमीनी हकीकत जानने के बाद ही वहां के शिक्षकों के मानदेय का भुगतान किया जाए, अन्यथा किसी गड़बड़ी की स्थिति में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के वेतन से कटौती की जाएगी, तो डीएम ने जांच टीम गठित कर दी। अभी 24 मदरसे ऐसे हैं, जिनकी जांच करना बाकी है। प्रशासन का दावा है कि शीघ्र ही शेष मदरसों की जांच पूरी कर ली जाएगी।
निदेशक के पर हुई जांच में अस्तित्व में नहीं पाए गए, बिना अस्तित्व वाले मदरसों को नोटिस देने की तैयारी
धन वापस कराने के साथ ही दर्ज कराई जाएगी प्राथमिकी : जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद जो अस्तित्व में मदरसे नहीं मिले हैं, उनके संचालकों को नोटिस भेजी जाएगी, संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मान्यता समाप्त करने, धन वापस कराने के साथ ही प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी।1शंभु कुमार, डीएम