पेंशन, नई दिल्ली : पूर्व सांसदों को पेंशन देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी पर सरकार ने भी न्यायपालिका को कड़ा जवाबी संदेश दिया, अब अदालत नहीं, संसद ही तय करेगी पेंशन
नई दिल्ली : पूर्व सांसदों को पेंशन देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी पर सरकार ने भी न्यायपालिका को कड़ा जवाबी संदेश दिया है। शीर्ष कोर्ट की टिप्पणियों को लेकर बिफरे सांसदों से राज्यसभा में रुबरू होते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सांसदों को कितनी पेंशन मिलना चाहिए यह तय करने का अधिकार केवल संसद का है। उन्होंने साफ कहा कि सरकारी धन को कैसे और कहां खर्च करना है, यह तय करना सिर्फ संसद का अधिकार है।
वित्तमंत्री ने साफ संदेश दिया कि न्यायपालिका को अपने अधिकार क्षेत्र की मर्यादा से बाहर जाकर दूसरी संवैधानिक संस्थाओं की स्वतंत्रता में दखल देने से बचना चाहिए। राज्यसभा में जेटली ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर एतराज जाहिर कर रहे सांसदों को शांत करने के दौरान यह बात कही। वित्तमंत्री ने कहा कि संवैधानिक प्रावधान शीशे की तरह साफ है कि सरकारी धन को खर्च करने का अधिकार केवल और केवल संसद को है। किसी दूसरी संस्था के इसमें दखल की कहीं कोई गुंजाइश नहीं है। इसलिए किसे पेंशन देनी है और पेंशन की राशि कितनी होनी चाहिए यह संसद ही तय करेगी।