एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर श्रावस्ती बहराइच मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

लखनऊ : किताबें बांटीं नहीं, बताए अजब बहाने, यूपी के प्राइमरी स्कूलों की किताबें छापने वाले प्रकाशकों ने बचाव में दिए अजीबोगरीब तर्क अफसर भी मेहरबान, बिना कार्रवाई के उनको ही फिर से ठेका देने की तैयारी

0 comments

लखनऊ : किताबें बांटीं नहीं, बताए अजब बहाने, यूपी के प्राइमरी स्कूलों की किताबें छापने वाले प्रकाशकों ने बचाव में दिए अजीबोगरीब तर्क अफसर भी मेहरबान, बिना कार्रवाई के उनको ही फिर से ठेका देने की तैयारी

लखनऊ : प्राइमरी स्कूलों की किताबें नोटबंदी, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण लेट हुई थीं। पिछले साल किताबें छापने वाले प्रकाशकों ने अपने बचाव में ऐसे ही तर्क दिए हैं। किताबें लेट होने की वजह से प्रदेश सरकार की खासी फजीहत हुई थी लेकिन इन प्रकाशकों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इतना ही नहीं आचार संहिता के दौरान ही अफसरों ने इन प्रकाशकों को ही फिर से किताब छापने का ठेका देने की तैयारी कर ली है।

प्राइमरी स्कूलों की किताबें हमेशाा जुलाई और अगस्त तक छप जाया करती थीं। पिछले साल तो अप्रैल से ही नया सत्र शुरू हो गया था लेकिन किताबें नवंबर और दिसंबर तक बच्चों को मिलीं। यह मामला हाई कोर्ट तक भी पहुंचा। हाई कोर्ट ने सरकार को कई बार तलब किया और जल्द किताबें छापने के साथ ही दोषियों पर कार्रवाई के भी निर्देश दिए। इसके बावजूद सत्र के अंत में बच्चों को किताबें मिलीं।

जो शासनादेश है, उसी के अनुसार कार्रवाई की जाती है। जिन जिलों में जहां किताबें लेट हुई हैं, उसके अनुसार वहां के बीएसए प्रकाशकों पर कार्रवाई करेंगे। किताबें इस बार समय पर छपकर आ जाएं, इसीलिए जल्दी टेंडर किया जा रहा है।

-अजय कुमार सिंह, सचिव बेसिक शिक्षा
बच्चों की किताबों पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है। पिछले साल तो बच्चों को नई किताबें पूरे सत्र तक मिल ही नहीं पाईं। पिछले साल की तरह किताबें लेट न हों, इसके लिए ऐसे प्रकाशकों से किताबें छपवाई जाएं जो समय पर किताबें उपलब्ध करा सकें। -विनय कुमार सिंह, अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन
इसी बीच अगले सत्र के लिए नई किताबों की छपाई के लिए भी टेंडर मांग लिए गए। इस साल भी 15 फर्मों ने टेंडर डाले हैं। इनमें ज्यादातर वही पब्लिशर हैं, जिन्होंने पिछली बार किताबें छापी थीं। अब सात फरवरी को किताबों की तकनीकी विड खुलनी है। सभी पब्लिशर को इस बारे में पत्र तय कर दिया गया है।

किताबें मानक के अनुसार न छपने या लेट होने पर प्रकाशकों के पेमेंट में कटौती करने का शासनादेश है। एक सप्ताह देर होने पर एक प्रतिशत, दो सप्ताह देर होने पर दो प्रतिशत और तीन सप्ताह विलंब होने पांच प्रतिशत कटौती का प्रावधान है। इतना ही नहीं तीन सप्ताह से ज्यादा विलंब होने पर फर्म को ब्लैकलिस्ट करने का प्रावधान है। अभी तक एक भी फर्म को ब्लैकलिस्ट नहीं किया गया है। पेमेंट कटौती की भी जानकारी खुद प्रमुख सचिव और पाठ्य पुस्तक अधिकारी को नहीं है।

अब 2017-18 की नई किताबें छपने से पहले सभी प्रकाशकों ने बेसिक शिक्षा सचिव और निदेशक को अपने प्रत्यावेदन दिए हैं। सभी ने किताबें लेट होने के पीछे तर्क दिए हैं। साथ ही पेनल्टी माफ करने की अपील की है। इसमें कई प्रकाशकों ने तो कहा है कि नोटबंदी के कारण कई दिन तक ट्रंक बंद रहे, इससे कागज नहीं मिल पाया। वहीं किसी ने लिखा है कि बाढ़ आ गई थी, इससे मिलों ने कागज नहीं दिया। इसके अलावा कोर्ट का विवाद और देर से छपाई का टेंडर मिलने की भी बात कही गई है। ये सभी प्रत्यावेदन जनवरी में दिए गए हैं। उसके बाद 27 फरवरी को अफसरों ने इनकी समीक्षा की।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।