इलाहाबाद : पीसीएस मेन्स की कॉपी बदलने में अफसर व बाबू निलंबित
लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2015 मुख्य परीक्षा की कॉपी बदलने के जिम्मेदार समीक्षा अधिकारी वीरेन्द्र कुमार सिंह और सहायक समीक्षा अधिकारी सुशील कुमार पांडेय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में दोनों दोषी पाए गए थे।
दोनों के खिलाफ संयुक्त सचिव रिजवानुर्रहमान की देखरेख में जांच कमेटी गठित की गई है। कॉपी बदलने के बाद साक्षात्कार से वंचित रह गई सुहासिनी बाजपेयी का प्रकरण फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन है। पिछले दिनों दोनों कार्मिकों को गोपनीय विभाग से हटा दिया गया था।
आरटीआई में हुआ पूरे मामले का खुलासा
इलाहाबाद। पीसीएस 2015 मेन्स की कॉपी बदलने का प्रकरण आरटीआई में सामने आया। आरटीआई के तहत समाज कार्य प्रथम प्रश्न पत्र की कॉपी देखने के बाद सुहासिनी बाजपेयी को पता चला कि उसकी कॉपी बदल दी गई है। उसे दोबारा आयोग बुलाने की बात कहते हुए कर्मचारियों ने मामले को दबाने की कोशिश की लेकिन सुहासिनी ने फिर से आरटीआई के तहत कॉपी देखने का आवेदन कर दिया। इस बार उसे उसकी कॉपी दिखाई गई, जिसमें उसे 47 के बजाए 88 नंबर मिले थे। उसे मुख्य परीक्षा के लिए सफल करते हुए पीसीएस 2015 का अंतिम परिणाम जारी होने के एक साल बाद बीते फरवरी माह में इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इंटरव्यू के बाद 22 फरवरी को नतीजा घोषित करते हुए उसे असफल कर दिया गया।
प्रधानमंत्री ने उठाया था सुहासिनी का प्रकरण
इलाहाबाद। इस प्रकरण ने तब तूल पकड़ा जब मीडिया में मामला उझलने के बाद छह मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी की जनसभा में इसे प्रमुखता से उठाया। अब जबकि सूबे में भाजपा की सरकार बन गई है तो आयोग के अफसर इस मसले को लेकर गंभीर हो गए हैं।