इलाहाबाद : प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए किए गए आवेदन किसी का, संशोधन करा दिया किसी और ने
अमर उजाला ब्यूरो, इलाहाबाद । प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए किए गए आवेदन पत्रों में साजिशन गड़बड़ी करने का मामला सामने आया है। इस संबंध में कुछ अभ्यर्थियों की ओर से बेसिक शिक्षा परिषद सचिव से शिकायत की गई है। आरोप लगाया गया है कि साजिश के तहत कुछ अभ्यर्थियों के आवेदन पत्रों में जन्मतिथि आदि महत्वपूर्ण चीजों में संशोधन कर दिया गया, जबकि उन्होंने इसके लिए किसी तरह का प्रार्थना पत्र भी नहीं दिया। शिकायत मिलने के बाद सचिव ने अभ्यर्थियों से एफआईआर कराने को कहा है। इसके अलावा सचिव ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को सहायक अध्यापक और सहायक अध्यापक (उर्दू) की चयन प्रक्रिया से संबंधित अभ्यर्थियों से शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जनपद में गठित समस्या निस्तारण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर निस्तारण कराने का भी आदेश दिया है।
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से इन दिनों परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 12460 सहायक अध्यापकों एवं 4000 सहायक अध्यापक (उर्दू) की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। इसमें सहायक अध्यापकों के कुछ अभ्यर्थियों की ओर से शिकायत की गई है कि उनके आवेदन पत्रों में साजिशन संशोधन किया गया है, जबकि उन्होंने इसके लिए कोई आवेदन ही नहीं किया। बताते चले कि आवेदन पत्र में किसी भी तरह के संशोधन की प्रक्रिया ऑनलाइन होती है और इसके लिए आवेदन रजिस्ट्रेशन संख्या, बैंक द्वारा प्राप्त चालान संख्या, जन्मतिथि दर्ज करेंगे। इस तरह की शिकायत मिलने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने मामले की जांच कराई। एनआईसी की ओर से सचिव को बताया गया कि कुछ आवेदन पत्रों में निश्चित दिन और समय पर संशोधन किया गया और यह तभी संभव है संशोधन के लिए आवेदन करने वाले के पास रजिस्ट्रेशन एवं चालान संख्या और जन्मतिथि की जानकारी हो।
सचिव ने सभी बीएसए को आदेश जारी किया है कि यदि ऐसा संशोधन अभ्यर्थी के अलावा किसी अन्य ने बिना उसकी अनुमति के लिए है तो वह साइबर क्राइम है। ऐसी स्थिति में अभ्यर्थी से एफआईआर की प्रति के साथ प्रत्यावेदन लेकर आगे की कार्रवाई की जाए। उन्होंने बुधवार को सभी बीएसए को यह भी आदेश दिया कि अध्यापकों की नियुक्ति के संबंधित शैक्षिक योग्यता के प्रमाणों में भिन्नता, आवेदन पत्रों में गड़बड़ी से संबंधित प्रत्यावेदनों को समिति के समक्ष प्रस्तुत करें। साथ ही अभ्यर्थियों के मूल शैक्षिक अभिलेखों का परीक्षण कर मामले का निस्तारण कराएं।