इलाहाबाद : हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा पास होने की गारंटी मिलने के बाद देश के अलग-अलग राज्यों के छात्र-छात्राएं यूपी बोर्ड परीक्षा की वैतरणी पार करने पहुंचे ।
अमर उजाला ब्यूरो इलाहाबाद । हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा पास होने की गारंटी मिलने के बाद देश के अलग-अलग राज्यों के छात्र-छात्राएं यूपी बोर्ड परीक्षा की वैतरणी पार करने इलाहाबाद एवं आसपास के क्षेत्रों में पहुंच गए हैं। यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों के प्रबंधन एवं प्रधानाचार्य अपने एजेंटों के जरिए देश के अलग-अलग क्षेत्रों में जाल फैलाए हुए हैं। जिले के सिरसा, मेजारोड, बामपुर, मांडा, राजरूपपुर, कालिंदीपुरम, सुलेमसरांय, नीवा, धूमनगंज, प्रीतमनगर सहित नैनी-झूंसी स्थित स्कूलों में बोर्ड परीक्षा पास कराने के लिए हर साल बड़े पैमाने पर नकल माफिया ठेकेदारी करते हैं।
ये ठेकेदार दूसरे राज्यों यहां तक उत्तर प्रदेश के ही बुंदेलखंड क्षेत्र के कई जिलों के छात्रों को परीक्षा पास कराने की गारंटी देकर अपने विद्यालयों में प्रवेश दिलाते हैं। बीते वर्ष में मेजा के बामपुर और रामनगर के कई स्कूलों में पूरे के पूरे परीक्षार्थी ही दूसरे राज्यों दिल्ली, गुड़गांव, लुधियाना, बरदपुर सहित उत्तराखंड के चमोली, नैनीताल, बाजपुर एवं बुंदेलखंड क्षेत्र के मिले। कालिंदीपुरम में कमरा खोजने पहुंचे राजस्थान के छात्रों राकेश सिंह, अगम लाल ने बातचीत में बताया कि इलाहाबाद के कई स्कूलों के प्रबंधक अपने एजेंट के जरिए परीक्षा पास होने की गारंटी देते हैं। उनके क्षेत्र के बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं हर वर्ष परीक्षा पास रहे हैं, इसी उम्मीद में वह भी फार्म भरकर परीक्षा पास करने चले आए हैं। परीक्षा पास होने के बाद यह छात्र विदेश में जाकर नौकरी करने की बात कर रहे हैं।
बुंदेलखंड से आने वाली ट्रेनों से आए बाहरी छात्र
- जिले के जसरा, शंकरगढ़, नैनी स्टेशनों पर बड़ी संख्या में पहुंचे बाहरी छात्र यूपी बोर्ड परीक्षा पास करने बुंदेलखंड क्षेत्र के हजारों की संख्या में परीक्षार्थी ट्रेन की बोगी में भरकर जिले के जसरा, शंकरगढ़, बरगढ़ एवं नैनी कस्बों में पहुंच गए हैं। ये परीक्षार्थी बुंदेलखंड एवं मध्य प्रदेश से आने वाली ट्रेन में बुधवार को हजारों की संख्या में आए। आसपास के लोगों का कहना था कि ये छात्र आपस में बात कर रहे थे कि 15 से 20 हजार देकर आसानी से परीक्षा पास की जा सकती है। बता रहे थे कि 15 हजार में कॉपी खुद लिखनी होगी जबकि 20 से 25 हजार में कॉपी भी लिखने की व्यवस्था रहेगी।
नकल मंडी में ठिकाना खोजते रहे परीक्षार्थी
महीने भर चलने वाली परीक्षा में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान एवं उत्तराखंड के छात्र शामिल हो रहे हैं। नकलमंडी के तौर पर चिह्नित सिरसा, मेजारोड, बामपुर, मांडा, राजरूपपुर, कालिंदीपुरम, सुलेमसरांय, नीवा, धूमनगंज, प्रीतमनगर, जसरा, शंकरगढ़, बरगढ़ सहित नैनी-झूंसी के कई क्षेत्रों में ठिकाना तलाशने पहुंच गए हैं। इन मोहल्लों में किराए की कोठरी के मालिक बाहरी छात्रों से मनमाना किराया वसूलने की आस लगाए बैठे हैं। इन परीक्षार्थियों में कई अधेड़ उम्र के परीक्षार्थी भी अंतिम समय में परीक्षा पास करने की कोशिश में हैं।
कम सुविधा वाले विद्यालयों को बना दिया परीक्षा केंद्र
मनमाने तरीके से बनाए गए केंद्रों को लेकर अभिभावकों ने बोर्ड से की शिकायत यूपी बोर्ड परीक्षा में केंद्र बनाए गए विद्यालयों की खुली बाउंड्री, टूटी खिड़की, दरवाजे परीक्षा के दौरान परेशानी बन सकते हैं। इन विद्यालयों में छात्रों की जरूरत के अनुसार सुविधाआें का अभाव है। यूपी बोर्ड की ओर से परीक्षा से कुछ समय पहले परीक्षा केन्द्र बनाए गए विद्यालयों में अव्यवस्था का आलम है। बोर्ड की परीक्षाएं 16 मार्च से शुरू हो रही हैं। जिलाधिकारी एवं शिक्षा विभाग की ओर से नकल रोकने के लिए की गई तैयारी खुली बाउंड्री वाले स्कूलों के कारण बेकार हो सकती हैं। गंगापार, यमुनापार एवं कौशांबी के दूरदराज गांवों में परीक्षा केन्द्र बनाए गए विद्यालयों में बड़ी खामी का पता चला है। कई अभिभावकों ने परीक्षा केन्द्रों को लेकर बोर्ड तक अपनी शिकायत दर्ज कराई है। इस बारे में यूपी बोर्ड के अपर सचिव शिवलाल का कहना है कि ऐसे विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई होगी।