शाहजहांपुर : केंद्र व्यवस्थापकों की मीटिंग बुलाकर खुद गायब हो गए डीआईओएस
शाहजहांपुर। मिर्जापुर और कलान के परीक्षा सेंटरों के केंद्र व्यवस्थापकों के साथ रविवार को गुगली हो गई। उन्हें जीआईसी में दिशा-निर्देश देने के लिए बुलाया गया। ऐन मौके पर डीआईओएस ने मीटिंग में आने से इंकार कर दिया। जिस पर सभी केंद्र व्यवस्थापक भड़क गए। उन्होंने प्रदर्शन करते हुए अपना गुस्सा जताया। इस दौरान नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना को मांग पत्र भी दिया गया।
यूपी बोर्ड परीक्षा में डीएम के निशाने पर कलान और मिर्जापुर क्षेत्र के परीक्षा केंद्र हैं। इन क्षेत्रों के सेंटरों पर डीएम ने बड़ी खामियां पकड़ी। कई स्कूलों में फर्नीचर नहीं मिला। रविवार को डीएम के निर्देशों से अवगत कराने के लिए जीआईसी में मीटिंग बुलाई। करीब एक बजे 50 से 60 केंद्र व्यवस्थापक पहुंच गए।सभी डीआईओएस का इंतजार कर रहे थे। केंद्र व्यवस्थापकों ने जीआईसी प्रधानाचार्य रणवीर सिंह से फोन कर जिविनि को बुलाने की मांग की है। बताते हैं कि जब उन्हें फोन किया तो डीआईओएस ने आने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि वह कहीं पर फंसे हुए हैं। इतनी बात सुनकर केंद्र व्यवस्थापक भड़क गए। उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया।
केंद्र व्यवस्थापकों का नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इतनी दूर से उन्हें बुलाया गया, अब अधिकारी नहीं आ रहे हैं। उन्होंने नारेबाजी कर अपनी आवाज को बुलंद किया। इस बीच कैबिनेट मंत्री को ज्ञापन दिया। जिसमें कहा कि केंद्र व्यवस्थापक मंशा के अनुसार अपने स्तर से नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, जिला प्रशासन मानक पूरे करने के अव्यवहारिक आदेशों के कारण मानसिक उत्पीड़न कर रहा है। मानक पूरी नहीं हो पाने पर अपशब्दों का प्रयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि फर्नीचर जैसे मानक दो दिन में पूरा होना संभव नहीं है। ज्ञापन पर माध्यमिक शिक्षक महासभा के जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह, प्रमोद मिश्रा, देव मोहन मिश्रा, सत्यवीर सिंह यादव, नीलेश यादव, ब्रज किशेर शर्मा, धनपाल गुप्ता, शिवओम पाठक आदि मौजूद रहे।
हमने सोचा था कि मीटिंग बुलाएंगे, लेकिन किसी को बुलाया नहीं है। एक दिन में सभी को बुलाकर दिशा निर्देश देने से कोई निष्कर्ष नहीं निकल सकता है। हमारे द्वारा बुलाए जाने की बात गलत है।डा.केएल वर्मा, जिला विद्यालय निरीक्षक