लखनऊ : सहायक शिक्षकों की भर्ती में खाली रह गई सीटों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक
लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्राथमिक स्कूलों में सहायक शिक्षकों के भर्ती के द्वितीय चरण में खाली रह गई (भरी न जा सकीं) सीटों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने सम्बंधित प्रावधानों में विरोधाभास पाते हुए रोक लगाई है जो फिलहाल जारी रहेगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय की एकल सदस्यीय पीठ ने नेहा, आरती साहू व कई अन्य अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए दिया। याचियों ने प्राथमिक स्कूलों में सहायक शिक्षकों के भर्ती के द्वितीय चरण में भरी न जा सकीं सीटों पर खुद की भर्ती के बाबत विचार करने का आदेश देने की प्रार्थना की है। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि भरी न जा सकीं सीटों पर भर्ती प्रक्रिया के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 1994 की धारा- 3 के उपधारा- 1, 2 व 3 में विरोधाभास है।
इस पर न्यायालय ने राज्य सरकार के अधिवक्ता को यह स्पष्ट करने का आदेश दिया कि धारा- 3 के अनुपालन के लिए क्या तरीका अपनाया जा रहा है। मामले की 10 मार्च को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि मामले पर विधिक सलाह मांगी गई है और मामला विचाराधीन है। इस पर न्यायालय ने प्रणाली के स्पष्ट न होने के कारण सचिव, बेसिक एजुकेशन बोर्ड, यूपी, इलाहाबाद के 6 फरवरी 2017 के उस सर्कुलर पर रोक लगा दी जिसके द्वारा उक्त भर्तियां की जानी थीं।
काउंसलिंग होगी स्थगित
सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय के संज्ञान में आया कि कई जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने भर्ती प्रक्रिया के क्रम में काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की है। हालांकि राज्य सरकार के अधिवक्ता ने न्यायालय को भरोसा दिलाया कि कोई भी भर्ती नहीं की जाएगी व यदि कोई प्रक्रिया शुरू की गई है तो इसे स्थगित कर दिया जाएगा। इस पर न्यायालय ने 10 मार्च के अपने रोक के आदेश को जारी रखने का आदेश दिया।