इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव के कार्यकाल से लेकर अब तक हुई भर्तियों की सीबीआइ जांच का प्रकरण फिर तूल पकड़ गया
इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव के कार्यकाल से लेकर अब तक हुई भर्तियों की सीबीआइ जांच का प्रकरण फिर तूल पकड़ गया है। साथ ही आयोग के सदस्यों की नियुक्तियों को निरस्त करने की मांग तेज हो गई है। भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह ने मुख्यमंत्री को इस संबंध में ज्ञापन भेजा है और आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए 22 मार्च को छात्रसंघ भवन पर बैठक बुलाई है। मोर्चा अध्यक्ष ने आरओ-एआरओ परीक्षा 2016 का पेपर लीक प्रकरण की एसटीएफ से जांच कराने की बात फिर मुखर की है। इसी तरह से सीसैट से प्रभावित हंिदूी भाषी छात्रों को अतिरिक्त अवसर दिया जाए। वहीं, उच्च शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति को तत्काल निरस्त कर योग्य सदस्यों की नियुक्ति की जाए। युवाओं को अब नये सिरे से त्रिस्तरीय आरक्षण के बाद हुए आंदोलन की यादें फिर ताजा कराई जा रही हैं। 2013 में सड़क पर उतरने वाले युवाओं, दो जनवरी 2014 को युवाओं पर हुए लाठीचार्ज की बातें फिर से होने लगी हैं। इतना ही नहीं 2014 में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के सीबीआइ जांच के वादे को भी बताया जा रहा है, जो आज तक पूरा नहीं हो सका है। मोर्चा ने आयोग के चार सदस्यों को हटाने की मांग की है। वहीं अल्टीमेटम दिया है कि मांगे न मानी जाने पर आंदोलन होगा। परिणाम को लेकर प्रदर्शन आज : सहायक अभियंता परीक्षा 2013 का परिणाम अब तक जारी नहीं हो सका है। इम्तिहान अप्रैल 2016 में ही कराया जा चुका है। देरी के कारण युवा खासे नाराज हैं। छात्रनेता अमरेंदु सिंह ने बताया कि जेई व एई के अभ्यर्थी मंगलवार को सुबह 11.30 बजे आयोग के सामने रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे।