लखनऊ : बर्खास्त होंगे एलटी ग्रेड के छह फर्जी शिक्षक, बीबीएयू आगरा विवि की सत्यापन रिपोर्ट में हुई थी अंक पत्र फर्जी होने की पुष्टि
लखनऊ। फर्जी अंक पत्रों के सहारे नौकरी पाने वाले राजकीय विद्यालयों के एलटी ग्रेड शिक्षकों की अब खैर नहीं है। बीते दिनों जांच रिपोर्ट में अंक पत्र फर्जी होने की पुष्टि हो चुकी है। अब इन शिक्षकों को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। चूंकि नियुक्ति प्राधिकारी अब अपर शिक्षा निदेशक इलाहाबाद को बनाया गया है, इसलिए कार्रवाई संबंधी प्रस्ताव बनाकर उन्हें भेजा जाएगा।लखनऊ मंडल के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक प्रशिक्षित स्नातक (एलटी) वेतनक्रम में पुरुष शाखा के 216 खाली पदों पर भर्ती के लिए 26 सितंबर 2012 को विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगे गए थे। इनमें दर्जनों ऐसे अभ्यर्थी भी शामिल हुए जिन्होंने स्नातक के फर्जी अंक पत्र लगाकर आवेदन कर दिया। उसके बाद मंडलीय समिति की ओर से विभिन्न विषयों एवं वर्गों में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की वरीयता सूची के अनुसार अंतिम चयन किए जाने के लिए कटऑफ मेरिट 4 फरवरी 2014 को जारी की गई थी। कटऑफ के बाद शैक्षिक अभिलेखों की जांच के लिए 17 और 18 फरवरी को काउंसिलिंग भी हुई। जिसके बाद इन सभी को नियुक्ति पत्र जारी कर कार्यभार भी ग्रहण करा दिया गया। यह सभी शिक्षक स्कूलों में पढ़ा भी रहे हैं। कुछ महीने पहले इनमें से छह शिक्षक बर्खास्त किए जा चुके हैं। अब छह और शिक्षकों के अंक पत्र भी फर्जी पाए गए हैं। इनके खिलाफ जेडी कार्यालय ने बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी है।बीबीएयू के हैं सभी अंक पत्र: जुलाई 2014 से राजकीय स्कूलों में पढ़ा रहे इन शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों की जांच के लिए अंक पत्र डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा भेजे गए थे। अभिलेखों के सत्यापन की रिपोर्ट में कौशलेंद्र सिंह ने बीए-2004, अशोक कुमार सिंह ने बीए-2004, सचेंद्र सिंह ने बीए-2005, शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बीए-2007, सतेंद्र सिंह ने बीए-2007 के अंक पत्र पूरी तरह से फर्जी पाए गए। वहीं शिक्षक मनोज कुमार ने बीए-2006 ने जो मार्कशीट लगाई है, उसके अंक और विश्वविद्यालय के अंक चार्ट से भिन्न हैं। इस मामले में बीते 21 जनवरी को इन शिक्षकों को नोटिस देकर जवाब भी मांगा गया। लेकिन किसी ने भी अपना स्पष्टीकरण नहीं दिया।फर्जी मार्कशीटें लगाकर नौकरी करने वाले छह शिक्षकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। अब इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए एडी माध्यमिक को पत्र भेजने की कार्रवाई की जाएगी।दीप चंद, संयुक्त शिक्षा निदेशक, लखनऊ