इलाहाबाद : बेसिक शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादलों को चुनौती
अमर उजाला ब्यूरो इलाहाबाद । बेसिक शिक्षकों के अंतरजनदीय तबादलों को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई है। कोर्ट ने इस पर प्रदेश सरकार और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब मांगा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि अंतरजनपदीय तबादलों में मनमानी की गई तथा सरकार द्वारा घोषित स्थानांतरण नीति और शासनादेश का उल्लंघन कर तबादले किए गए। इलाहाबाद की निधि गुप्ता सहित प्रदेश के कई जिलों से अध्यापकों ने याचिकाएं दाखिल की हैं। इस पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता सुनवाई कर रहे हैं।
याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह ने पक्ष रखा। याचिका के मुताबिक प्रदेश सरकार ने परिषदीय अध्यापकों के अंतरजनपदीय तबादले के लिए 23 जून 2016 को स्थानांतरण नीति घोषित की। इसके तहत वही अध्यापक आवेदन करने के लिए अर्ह होंगे जो अपने जिले में तीन वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हैं। आवेदन ऑनलाइन ही करना था। यह भी शर्त थी कि यदि एक ही जिले के अधिक आवेदन आएंगे तो उसी अध्यापक का स्थानांतरण होगा जो आयु में अधिक है। याचीगण ने इन सभी अर्हताओं को पूरा करते हुए ऑनलाइन आवेदन किया, मगर उनका स्थानांतरण नहीं किया गया जबकि ऐसे अध्यापकों का स्थानांतरण कर दिया गया जिन्होंने न तो ऑनलाइन आवेदन किया था और न ही तीन वर्ष तैनाती की शर्त पूरी करते हैं। आयु में भी वह याचीगण से कम हैं। याची का कहना है कि 19 दिसंबर 2016 को सरकार ने शासनादेश जारी कर कहा है कि उन्हीं अध्यापकों का स्थानांतरण किया जाएगा जिन्होंने ऑन लाइन आवेदन किया है।
याचिका में ऐसे करीब 75 अध्यापकों को भी पक्षकार बनाया गया है जिनके तबादले नियमविरुद्ध किए गए हैं। कोर्ट ने इन सभी पक्षकारों को भी नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने केलिए कहा है। कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से भी पूछा है कि स्थानांतरण नीति के विपरीत किस प्रकार से तबादले किए गए। याचिका पर आठ मई 2017 को सुनवाई होगी।