सहारनपुर : बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित कई परिषदीय विद्यालय ऐसे है जहां नन्हे मुन्नों को परोसे जाने वाले मिड-डे मील से उनकी जान खतरे में
ब्यूरो/अमर उजाला, सहारनपुर । बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित कई परिषदीय विद्यालय ऐसे है जहां नन्हे मुन्नों को परोसे जाने वाले मिड-डे मील से उनकी जान खतरे में है। विभाग में जांच में इसका खुलासा हुआ है और संबंधित एनजीओ को नोटिस जारी कर एक सप्ताह की अवधि में स्पष्टीकरण मांगा है।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जनपद में 1355 प्राथमिक और 576 उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित है। इनमें 64 विद्यालय ऐसे है जहां महिला समाख्या (एनजीओ) द्वारा मिड-डे मील परोसा जाता है। विभागीय जांच में खुलासा हुआ कि इन विद्यालयों में मिड डे मील के तहत छात्रों को दिये जा रहे भोजन में गुणवत्ता नहीं है।
रसोई घर में खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की जांच के उपरांत पाया गया कि मिड डे मील प्राधिकरण द्वारा निर्धारित खाद्य सामग्री, खाद्य तेल, मसाले, नमक, मिर्च, चावल और मसाले मानक के अनुसार नहीं है। विभागीय अधिकारियों ने प्रकरण को बेहद गंभीर मानते हुए एनजीओ से जवाब तलब किया है।
साथ ही गुणवत्ता सुधारने की चेतावनी दी है। इसमें कहा गया कि एक सप्ताह के समयांतर्गत अपना स्पष्टीकरण स्वयं उपस्थित होकर उपलब्ध कराए। अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बार बार चेतावनी के बाद भी नहीं सुधरी एनजीओ
शिक्षा विभाग की ओर से एनजीओ को पूर्व में भी कई बार चेतावनी दी जा चुकी है। लेकिन संबंधित एनजीओ का मनमाना रवैया जारी है। सूत्र बताते है कि उक्त एनजीओ को कई प्रशासनिक अफसरों का संरक्षण प्राप्त है।
एक सप्ताह में देना होगा जवाब
महिला समाख्या द्वारा बच्चों को दिये जाने वाले मिड-डे मील में कई खामियां मिली है। उक्त एनजीओ को पूर्व में भी कई बार पत्र जारी कर चेतावनी दी गई। लेकिन अभी तक कोई सुधार नहीं किया गया। हाल ही में हुई जांच में भी बच्चों को खराब गुणवत्ता का भोजन देने का खुलासा हुआ है। उक्त एनजीओ को नोटिस जारी कर एक सप्ताह की अवधि में जवाब तलब किया गया है।
-बुद्ध प्रिय सिंह, बीएसए