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सोनभद्र : प्रदेश में नई सरकार के बनने के बाद परत-दर परत भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने लगा, फर्जी आठ शिक्षकों की तैनाती निरस्त

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सोनभद्र : प्रदेश में नई सरकार के बनने के बाद परत-दर परत भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने लगा, फर्जी आठ शिक्षकों की तैनाती निरस्त

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : प्रदेश में नई सरकार के बनने के बाद परत-दर परत भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने लगा है। इसमें एक है सोनभद्र में आठ शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति का। हालांकि इसकी जांच अक्टूबर से ही चल रही थी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इसमें शनिवार को नया मोड़ तब आ गया जब डीएम प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बीएसए को फटकार लगाई। इसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने आठों शिक्षकों की नियुक्ति को फर्जी करार देते हुए निरस्त कर दिया।

यह कार्रवाई अपर जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है। इसमें तत्कालीन व वर्तमान बीएसए के अलावा लिपिक पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।प्रदेश में 16448 सहायक अध्यापकों की भर्ती में जिले में जमकर खेल हुआ था। कुछ अभ्यर्थियों की फर्जी तरीके से काउंसिलिंग कराकर उनकी नियुक्ति किए जाने की शिकायत तत्कालीन डीएम सीबी सिंह से कुछ अभ्यर्थियों ने अक्टूबर में की थी। डीएम ने अपर जिलाधिकारी रामचंद्र को जांच अधिकारी नामित किया। मामले को गत वर्ष 29 नवंबर के अंक में दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसमें पांच शिक्षकों की नियुक्ति को फर्जी करार दिया गया था। इसके बाद एडीएम ने विभिन्न पहलुओं का बारीकी से जांच करने के बाद सात पन्ने की रिपोर्ट सात फरवरी को जिलाधिकारी को सौंप दी थी। इसमें आठ शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति की बात सामने आई।

रिपोर्ट के अनुसार *रश्मि तिवारी निवासी कौशांबी, अंशू देवी निवासी फतेहपुर, राधेश्याम निवासी कौशांबी, रीनू देवी निवासी कौशांबी, उपेंद्र निवासी कौशांबी, अंजु सिंह निवासी कानपुर नगर, मंजू देवी निवासी फतेहपुर व नीलू देवी निवासी फतेहपुर* की नियुक्ति एवं पदस्थापन निरस्त करने की संस्तुति की गई थी। इसके अलावा तत्कालीन बीएसए मनभरन राम राजभर (वर्तमान बीएसए मीरजापुर), वर्तमान बीएसए अमरनाथ सिंह, बीएसए कार्यालय के वरिष्ठ सहायक देवेश नारायण शुक्ल के विरुद्ध आपराधिक एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की भी संस्तुति की गई है। विधानसभा चुनाव प्रक्रिया के कारण यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया लेकिन फर्जी नियुक्ति का जिन्न शुक्रवार की शाम अचानक निकल पड़ा। डीएम ने इस मामले में शुक्रवार को एक बैठक के दौरान बीएसए अमरनाथ सिंह को फटकार लगाई। इसके बाद बीएसए ने शनिवार को सभी आठों फर्जी नियुक्तियों को निरस्त कर दिया।

जिलाधिकारी की फटकार के बाद अंतत: बीएसए ने की कार्रवाई

वर्तमान व तत्कालीन बीएसए सहित लिपिक पर भी होगी कार्रवाई : आठों शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त कर दी गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी की कार्रवाई रिपोर्ट से मैं संतुष्ट नहीं हूं। पूरे मामले की जांच अपने स्तर पर कर रहा हूं। अगर जांच में पूर्व व वर्तमान बीएसए की संलिप्तता मिली तो रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी’1प्रमोद कुमार उपाध्याय, जिलाधिकारी, सोनभद्र।

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