एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर श्रावस्ती बहराइच मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के रजिस्ट्रेशन विभाग में दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के नियमितीकरण में धांधली के मामले में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया

0 comments

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के रजिस्ट्रेशन विभाग में दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के नियमितीकरण में धांधली के मामले में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया

विधि संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के रजिस्ट्रेशन विभाग में दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के नियमितीकरण में धांधली के मामले में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन तथा न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश राज्य की सैकड़ों अपीलों की सुनवाई करते हुए दिया है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने खगेश कुमार केस में राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि 1991 से पहले से कार्यरत दैनिक कर्मियों की सेवा नियमित की जाए। आदेश के पालन के अनुक्रम में मनमानी हुई और बड़ी संख्या में 1991 के बाद नियुक्त कर्मियों को नियमित कर लिया गया जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया जिसे अपीलों में चुनौती दी गई है।

विधि संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के रजिस्ट्रेशन विभाग में दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के नियमितीकरण में धांधली के मामले में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन तथा न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश राज्य की सैकड़ों अपीलों की सुनवाई करते हुए दिया है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने खगेश कुमार केस में राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि 1991 से पहले से कार्यरत दैनिक कर्मियों की सेवा नियमित की जाए। आदेश के पालन के अनुक्रम में मनमानी हुई और बड़ी संख्या में 1991 के बाद नियुक्त कर्मियों को नियमित कर लिया गया जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया जिसे अपीलों में चुनौती दी गई है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।