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इलाहाबाद : लोक सेवा आयोग में भ्रष्टाचार का मुद्दा सपा को पड़ा भारी

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इलाहाबाद : लोक सेवा आयोग में भ्रष्टाचार का मुद्दा सपा को पड़ा भारी

इलाहाबाद : लोक सेवा आयोग की भर्तियों में भ्रष्टाचार का मुद्दा सपा के लिए भारी पड़ा। आक्रोशित प्रतियोगियों ने चुनाव के दौरान सपा के खिलाफ मुहिम चलाई। पोस्टर जारी किए और व्हाट्सएप तथा फेसबुक के जरिए प्रतियोगियों पर हुए लाठीचार्ज तथा फायरिंग का वीडियो वायरल कर सपा के खिलाफ वोटिंग की अपील की।

सूबे में सपा की सरकार के गठन के एक साल बाद दो अप्रैल 2013 को डॉ. अनिल यादव को लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनके कार्यकाल में हुई ज्यादातर भर्तियां विवादित रहीं। पीसीएस 2011 से लेकर 2015 तक की भर्ती में कोई न कोई विवाद जरूर उठा। कभी ओबीसी की एक जाति विशेष के अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में लाभ पहुंचकर चयनित किए जाने तो कभी पेपर आउट होने और प्रश्न और उत्तर में गड़बड़ी को लेकर विवाद की स्थिति बनी। पीसीएस 2015 मेन्स की अभ्यर्थी सुहासिनी बाजपेई की कॉपी बदलने का प्रकरण, जिसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी सभा में किया था, भी पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव के कार्यकाल का ही है। मेन्स की कॉपियां भी उन्हीं के कार्यकाल में जांची गई थीं।

आयोग की लोअर सहित अन्य भर्तियां भी विवादित रहीं। इतना ही नहीं सपा सरकार ने डॉ. यादव की नियुक्ति भी नियमों और मानकों की अनदेखी कर की थी। जिस कारण अक्तूबर 2015 में हाईकोर्ट को उनकी नियुक्ति तक निरस्त करनी पड़ी थी। सपा शासनकाल में कमोवेश ऐसी ही स्थिति उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में भी रही।

आयोग का विरोध करने पर दर्जनों बार प्रतियोगियों पर लाठीचार्ज हुए और फायरिंग भी की गई। हर बार प्रतियोगियों का बस यही करना था कि वे 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा से एक-एक लाठी का गिन-गिन कर हिसाब लेंगे। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की पहल पर प्रतियोगियों ने चुनाव के दौरान पूरे प्रदेश में सपा के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया। विधानसभा चुनाव के नतीजे से साफ है कि प्रतियोगी अपनी मंशा में सफल रहे।

भर्तियों की सीबीआई जांच की जगी उम्मीद

इलाहाबाद। सूबे में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने के साथ आयोग की भर्तियों की सीबीआई से जांच कराए जाने की प्रतियोगियों की मांग पूरी होने की उम्मीद जगी है। लोकसभा चुनाव के वक्त अल्लापुर में हुई सभा में भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने केंद्र में सरकार बनने के बाद भर्तियों में भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच कराने का आश्वासन दिया था। केंद्र में सरकार बनने के बाद प्रतियोगी उनसे मिले तो उनका कहना था कि अगर यूपी सरकार संस्तुति करेगी तो वे फौरन जांच कराएंगें। अब जबकि सूबे में भाजपा की सरकार बनने जा रही है तो प्रतियोगियों में सीबीआई जांच की मांग पूरी होने की उम्मीद जगी है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय कहते हैं कि सरकार बनने के बाद समिति शहर पश्चिम के विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह के माध्यम से अपनी यह मांग रखेगी। श्री सिंह ने प्रतियोगियों के आंदोलन का समर्थन करते हुए उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया था।

अधीनस्थ आयोग का क्या होगा?

इलाहाबाद। सपा सरकार के जाने के बाद लखनऊ में बनाए गए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के भविष्य को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। सपा शासनकाल में यह आयोग बनाया गया था। आयोग की भर्तियों और इसके औचित्य को लेकर कई बार सवाल उठे। आरोप तो यहां तक लगाया गया कि सपा सरकार ने सरकारी महकमें में अपने लोगों को भरने के लिए इस आयोग का गठन किया है। सपा के पूर्व के कार्यकाल में भी आयोग का गठन किया गया था लेकिन सत्ता बदल के बाद मुख्यमंत्री मायावती ने आयोग को भंग कर दिया था। ऐसे में भाजपा सरकार बनने के बाद इस आयोग के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

क्या बदलेगा पीसीएस मेन्स का पैटर्न

इलाहाबाद। लोक सेवा आयोग ने पीसीएस मेन्स के पाठ्यक्रम और पैटर्न में बदलाव कर इसे आईएएस मेन्स की तरह करने का मन बनाया है। ऐसा तभी संभव है जब राज्य सरकार इसकी मंजूरी दे। सपा शासनकाल में आयोग ने मेन्स में बदलाव का प्रस्ताव शासन को भेजा था लेकिन शासन ने इसे लौटा दिया था। आयोग ने मेन्स बदलाव पर कार्यशाला कर ली है। माना जा रहा है बहुत जल्द इस बारे में शासन को प्रस्ताव भेज दिया जाएगा। पाठ्यक्रम और पैटर्न में बदलाव के साथ ही भाजपा सरकार को आयोग की भर्ती परीक्षाएं ऑन लाइन कराने पर भी फैसला लेना होगा। ऑनलाइन परीक्षा के लिए आयोग की नियमावली में बदलाव भी सरकार की मंजूरी से ही हो सकेगा।

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