एटा : आखिर सहायक लेखाधिकारी बेसिक किए गए कार्यमुक्त, पिछले साल दिसंबर के अंत में निदेशक आंतरिक लेखा निदेशालय द्वारा जारी किया गया फरमान तीन महीने दबा रहा
जागरण संवाददाता, एटा: पिछले साल दिसंबर के अंत में निदेशक आंतरिक लेखा निदेशालय द्वारा जारी किया गया फरमान तीन महीने दबा रहा। दूसरे विभागों से लेखा संवर्ग के कार्मिकों को प्रतिनियुक्त किए जाने का प्रावधान न होने के कारण प्रतिनियुक्ति पाने वाले कार्मिकों को तत्काल कार्यमुक्त करने के आदेश दिए गए थे। यहां भी बेसिक शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति पर आए सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी सर्वशिक्षा अभियान नियुक्त थे। जिलाधिकारी के संज्ञान में मामला आने के बाद उन्हें कार्यमुक्त किया गया है।1पूर्व में नियमों के विरुद्ध भी लेखा विभाग के तमाम कार्मिक मलाईदार पदों पर अपनी प्रतिनियुक्ति कराकर मौज फरमाते रहे हैं। इस तरह के हालातों की जानकारी पर दिसंबर 2016 में आंतरिक लेखा व लेखा परीक्षा विभाग के निदेशक द्वारा प्रतिनियुक्ति पर दूसरे विभागों में कार्य करने वाले सभी कार्मिकों को कार्यमुक्त कर मूल विभागों में भेजने का आदेश दे दिया। इसके बावजूद जिला स्तर पर पहुंचे निदेशक के यह आदेश दबे रहे। प्रतिनियुक्त कार्मिक जिन पदों पर जमे थे, उन्हें छोड़ने का मन नहीं था। चूंकि सर्वशिक्षा अभियान भी मलाईदार है। इस कारण यहां तैनात सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी को भी सांठगांठ के चलते अब तक किसी ने कार्यमुक्त नहीं किया।
निदेशक के निर्देश डीएम विजय किरन आनंद के संज्ञान में आए तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए बीएसए कार्यालय एटा में नियुक्त सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी सर्वशिक्षा अभियान एके सक्सेना को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त करते हुए उन्हें मूल विभाग में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। इस तरह अचानक हुई कार्रवाई से विभाग में खलबली मची दिखाई दी, क्योंकि इन दिनों वित्तीय वर्ष की समाप्ति का समय है।
जागरण संवाददाता, एटा: पिछले साल दिसंबर के अंत में निदेशक आंतरिक लेखा निदेशालय द्वारा जारी किया गया फरमान तीन महीने दबा रहा। दूसरे विभागों से लेखा संवर्ग के कार्मिकों को प्रतिनियुक्त किए जाने का प्रावधान न होने के कारण प्रतिनियुक्ति पाने वाले कार्मिकों को तत्काल कार्यमुक्त करने के आदेश दिए गए थे। यहां भी बेसिक शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति पर आए सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी सर्वशिक्षा अभियान नियुक्त थे। जिलाधिकारी के संज्ञान में मामला आने के बाद उन्हें कार्यमुक्त किया गया है।
पूर्व में नियमों के विरुद्ध भी लेखा विभाग के तमाम कार्मिक मलाईदार पदों पर अपनी प्रतिनियुक्ति कराकर मौज फरमाते रहे हैं। इस तरह के हालातों की जानकारी पर दिसंबर 2016 में आंतरिक लेखा व लेखा परीक्षा विभाग के निदेशक द्वारा प्रतिनियुक्ति पर दूसरे विभागों में कार्य करने वाले सभी कार्मिकों को कार्यमुक्त कर मूल विभागों में भेजने का आदेश दे दिया। इसके बावजूद जिला स्तर पर पहुंचे निदेशक के यह आदेश दबे रहे। प्रतिनियुक्त कार्मिक जिन पदों पर जमे थे, उन्हें छोड़ने का मन नहीं था। चूंकि सर्वशिक्षा अभियान भी मलाईदार है। इस कारण यहां तैनात सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी को भी सांठगांठ के चलते अब तक किसी ने कार्यमुक्त नहीं किया।
निदेशक के निर्देश डीएम विजय किरन आनंद के संज्ञान में आए तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए बीएसए कार्यालय एटा में नियुक्त सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी सर्वशिक्षा अभियान एके सक्सेना को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त करते हुए उन्हें मूल विभाग में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। इस तरह अचानक हुई कार्रवाई से विभाग में खलबली मची दिखाई दी, क्योंकि इन दिनों वित्तीय वर्ष की समाप्ति का समय है।