दसवीं बोर्ड में छठा विषय भी अनिवार्य, सीबीएसई ने किया है मूल्यांकन पद्धति में बदलाव
आधी लिखित और आधी होगी प्रायोगिक परीक्षा
परिपत्र के अनुसार छठा विषय अधिकतम 100 अंकों का होगा। बोर्ड परीक्षा में 50 अंकों की लिखित परीक्षा होगी और 50 अंक आंतरिक मूल्यांकन/प्रायोगिक परीक्षा के लिए आवंटित किया जाएगा। परीक्षार्थियों को दोनों लिखित और प्रायोगिक परीक्षा में 33 फीसद अंक प्राप्त करने होंगे।
12वीं से सात ऐच्छिक और 34 व्यावसायिक विषय हटेंगे
सीबीएसई ने एक और बड़ा फैसला लिया है। छात्रों की रुचि कम देखते हुए सीबीएसई ने वर्ष 2017-18 सत्र से 12वीं की कक्षा के लिए सात ऐच्छिक और 34 व्यावसायिक विषयों को हटाने फैसला लिया है। हटाए जाने वाले ऐच्छिक विषयों में मानवाधिकार और लैंगिक अध्ययन भी शामिल हैं। इन दोनों के अलावा दर्शन शास्त्र, सृजनात्मक लेखन और अनुवाद अध्ययन, हेरिटेज क्राफ्ट, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान और ग्राफिक डजिाइन को हटाया जाएगा। इस वर्ष जिन छात्रों ने 11वीं में इन विषयों को चुना है उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। वे अपनी पढ़ाई जारी रखेंगे और परीक्षा में भी शामिल होंगे।
नई दिल्ली, प्रेट्र : अभी तक पांच विषयों की तैयारी करने वाले सीबीएसई की 10वीं के छात्रों को अगले वर्ष से छठे विषय की भी परीक्षा देनी होगी। छात्रों के लिए अभी तक दो भाषा, समाज विज्ञान, गणित और विज्ञान अनिवार्य विषय थे। अतिरिक्त विषय के रूप में छात्रों को एक व्यावसायिक विषय चुनने की आजादी थी। शैक्षणिक वर्ष 2017-18 से व्यावसायिक विषय को भी अनिवार्य किया गया है।केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं बोर्ड परीक्षा की अपनी मूल्यांकन पद्धति में बदलाव किया है। राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचा (एनएसक्यूएफ) के तहत बोर्ड ने व्यावसायिक विषय को अनिवार्य विषय बनाया है।
छात्रों के लिए लाभकारी होगा छठा विषय : सीबीएसई के परिपत्र में कहा गया है कि यदि कोई परीक्षार्थी तीन विषयों विज्ञान, समाज विज्ञान और गणित में फेल कर जाता है तो उस स्थिति में व्यावसायिक विषय फेल होने वाले विषय की जगह ले लेगा। व्यावसायिक विषय को छठे अतिरिक्त विषय के रूप में रखा जाएगा। फेल होने पर छात्र के पास पूरक परीक्षा में शामिल होने का विकल्प रहेगा।
13 विषयों में से चुन सकेंगे छठा विषय : छठा विषय चुनने के लिए छात्रों को 13 विकल्प दिया जाएगा। इन्हीं में से किसी एक को वे चुन सकते हैं। इन वैकल्पिक विषयों में खुदरा व्यापार की गतिकी, सूचना तकनीक, सुरक्षा, ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी, वित्तीय बाजार से परिचय, पर्यटन से परिचय, सौंदर्य और स्वास्थ्य, बुनियादी कृषि, खाद्य उत्पादन, अग्रिम कार्यालय संचालन, बैंकिंग और बीमा, विपणन एवं विक्रय और स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं को शामिल किया गया है।