लखनऊ : यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले ही दिन दो केंद्र डिबार
ब्यूरो/अमर उजाला, लखनऊ । यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले दिन सामूहिक नकल जैसे हालात मिलने के बाद दो कॉलेजों को आगे की परीक्षा के लिए डिबार कर दिया गया है। राजधानी के 150 परीक्षा केंद्रों पर बृहस्पतिवार से यूपी बोर्ड की परीक्षा शुरू हुई।
डीआईओएस उमेश त्रिपाठी निरीक्षण पर निकले तो अपने बनाए हुए सिस्टम में हजारों खामियां नजर आने लगीं। परीक्षा केंद्र बने कॉलेजों ने नियम ताक पर रखकर अपने स्टूडेंट्स को अलग कमरों में बिठाया था।
कक्ष निरीक्षक के रूप में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों से ड्यूटी कराई गई। एक परीक्षा केंद्र पर परीक्षा के दौरान टीचर्स रूम में किताबें फैली हुई भी मिलीं।
इस स्थिति को देखकर डीआईओएस ने बोर्ड और शिक्षा निदेशक से कुंवर आसिफ अली इंटर कॉलेज और चंद्रशेखर आजाद इंटर कॉलेज को काली सूची में डालने की सिफारिश की है। निरीक्षण के दौरान कई केंद्र व्यवस्थापकों को कड़ी चेतावनी दी गई।
*दूसरी मंजिल पर बिठा दिए अपने स्टूडेंट*
पिछले कई साल से फर्जी पंजीकरण और नकल के लिए चर्चित रहे मलिहाबाद स्थित कुंवर आसिफ अली इंटर कॉलेज में सामूहिक नकल का पूरा माहौल तैयार था। कॉलेज में आसपास के कई कॉलेजों का सेंटर था। उन सबको ग्राउंड फ्लोर पर आपस में मिलाकर बिठाया गया।
दूसरी तरफ इस कॉलेज की छात्राओं को दूसरी मंजिल पर कमरा नंबर-17, 18, 19 और 22 में अलग बिठा दिया गया। इन कमरों में इसी कॉलेज के शिक्षकों की ड्यूटी लगी हुई थी। कॉलेज में सीसीटीवी चालू नहीं था।
डीआईओएस ने इस पर केंद्र व्यवस्थापक बनाए गए राजकीय हाईस्कूल के शिक्षक वीरेंद्र कुमार को कड़ी फटकार लगाई। केंद्र व्यवस्थापक ने बताया कि प्रिंसिपल ने दबाव बनाकर इस तरह का सीटिंग प्लान तैयार करवाया। इस पर उन्होंने प्रिंसिपल शबाना आसिफ को परीक्षा से पूरी तरह से अलग कर दिया।
उन्होंने एक फ्लाइंग स्कवॉयड को मौके पर मौजूद रहकर अपनी निगरानी में परीक्षा कराने का निर्देश दिया और कॉलेज को आगे की परीक्षा के लिए काली सूची में डालने की सिफारिश कर दी।
*दो कमरों में बिठाई गईं अपने यहां की छात्राएं*
माल के गहदेव स्थित चंद्रशेखर आजाद इंटर कॉलेज में भी अपनी छात्राओं को विशेष लाभ देने की साजिश रची गई थी। यहां पर सभी परीक्षार्थियों को तो सीटिंग प्लान के हिसाब से मिलाकर बिठाया गया, लेकिन चुनी हुई कुछ छात्राओं को दो अलग कमरों में बिठाया गया।
इनमें ड्यूटी करने के लिए विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को जिम्मेदारी दी गई। डीआईओएस ने खुद उमा मौर्य और सुषमा सैनी नाम की दो विशष विशेषज्ञ शिक्षिकाओं को ड्यूटी करते हुए पकड़ा।
इन्हें परीक्षा से अलग कर दिया। परीक्षा केंद्र पर मनमाना रवैया था। आलम यह था कि यहां पर कॉलेज परिसर में गाय-भैंस तक बंधी हुई थीं। इस कॉलेज को भी डीआईओएस ने डिबार करने की सिफारिश की।