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इलाहाबाद : आयोग जीता नहीं, हारे सिर्फ अभ्यर्थी, पीसीएस 2016 प्री प्रकरण, गलत सवालों को पीछे छोड़कर आयोग का आगे बढ़ना तय, परीक्षा में चयनित व अचयनित अभ्यर्थियों पर लटकी रहेगी तलवार

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इलाहाबाद : आयोग जीता नहीं, हारे सिर्फ अभ्यर्थी, पीसीएस 2016 प्री प्रकरण, गलत सवालों को पीछे छोड़कर आयोग का आगे बढ़ना तय, परीक्षा में चयनितअचयनित अभ्यर्थियों पर लटकी रहेगी तलवार

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : पीसीएस प्री 2016 के गलत सवालों के मामले में उप्र लोकसेवा आयोग जीता नहीं है, बल्कि सही मायने में यह सिर्फ अभ्यर्थियों की हार है। ऐसा भी नहीं है कि आयोग को पहली बार शीर्ष कोर्ट से राहत मिली है, बल्कि कुछ प्रकरणों को छोड़कर आयोग ‘ऊपरी’ अदालत में अभ्यर्थियों के दावों पर भारी पड़ा है। अन्य मामलों से इस बार का प्रकरण अलग है।1पीसीएस जैसी अहम परीक्षा में चार सवालों के उत्तर गलत साबित हुए उनका संशोधन करके रिजल्ट देने का हाईकोर्ट से आदेश हुआ। जिस इम्तिहान में एक-एक अंक इतना मायने रखता है कि उससे अभ्यर्थी चयनित व अचयनित होते हैं। वहां चार सवालों का मामला फिलहाल अनुत्तरित है। इन्हीं सवालों के दम पर तमाम अभ्यर्थियों का चयन हुआ होगा और कई चयन सूची से बाहर रह गए होंगे। शीर्ष कोर्ट ने स्थगनादेश जारी किया है ऐसे में इन प्रश्नों का प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में नए सिरे से सुना जाएगा और तब निर्णय आएगा। शीर्ष कोर्ट का फैसला चाहे जो भी हो वह चयनित व अचयनित दोनों अभ्यर्थियों को प्रभावित करेगा।1 इस मामले में बीते नौ दिसंबर 2016 को जब हाईकोर्ट का फैसला आया उस समय आयोग में मुख्य परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन हो रहा था। ज्ञात हो कि प्री के बाद आयोग मेंस भी करा चुका था। आयोग की तैयारी थी कि जनवरी माह में मेंस का परिणाम जारी कर सके, लेकिन कोर्ट ने सारी प्रक्रिया रोक दी। 1उल्लेखनीय है कि पीसीएस प्री 2016 परीक्षा कुल 633 पदों के लिए हुई थी इसमें सामान्य चयन के 630 व विशेष चयन के केवल तीन पद थे। इस परीक्षा से ही सीसैट को क्वालीफाइंग किया गया। परीक्षा में कुल 4 लाख 36 हजार 413 युवाओं ने आवेदन किया। 20 मार्च 2016 को प्री परीक्षा हुई और इसमें 2 लाख 50 हजार 696 परीक्षार्थी शामिल हुए। इसका परिणाम 27 मई को आया और 14 हजार 615 अभ्यर्थियों को सफलता मिली थी।1पीसीएस मुख्य परीक्षा पहले 24 जून से होनी थी, लेकिन मुख्य परीक्षा की तैयारी करने का वक्त न होने पर आयोग ने यह परीक्षा 20 सितंबर से आठ अक्टूबर के बीच करवाई। उस समय प्रतियोगी छात्र संघर्ष मोर्चा ने पहले न्यायालय से गुहार लगाई कि मुख्य परीक्षा को रोका जाए, लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो अवनीश पांडेय व शांतनु राय ने आयोग गेट के सामने 16 से 18 सितंबर तक आमरण अनशन किया। फिर भी परीक्षा नहीं टली। पीसीएस प्री 2016 परीक्षा को लेकर शीर्ष कोर्ट के निर्णय के बाद प्रतियोगियों की दशा ठीक वैसी ही है जैसी हाईकोर्ट का आदेश आने पर थी। 1हालांकि आयोग में पीसीएस 2016 मेंस की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन का रुका कार्य फिर शुरू हो सकता है, लेकिन अभी परिणाम जारी करके साक्षात्कार की स्थिति नहीं है।

गलत सवालों को पीछे छोड़कर आयोग का आगे बढ़ना तय, परीक्षा में चयनित व अचयनित अभ्यर्थियों पर लटकी रहेगी तलवार

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