सहारनपुर : बीएसए के फर्जी हस्ताक्षर कर सरकारी खाते से निकाले 68 लाख
ब्यूरो/अमर उजाला, सहारनपुर । सहारनपुर में सर्वशिक्षा अभियान के बैंक खाते की फर्जी चेकबुक बनाकर बेसिक शिक्षा अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर 67.90 लाख रुपये खाते से निकाल लिए।
सरकारी खाते से लगातार निकाले जा रहे रुपयों की जानकारी बैंक प्रबंधक ने अधिकारियों को दी है। बीएसए ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ सदर बाजार कोतवाली में एफआईआर दर्ज करा दी है।
बेसिक शिक्षा विभाग के सिविल लाइन स्थित पंजाब नेशनल बैंक में एनपीईजीईएल (नेशनल प्रोग्राम ऑफ एजूकेशन फार गर्ल्स एलीमेंट्री लेवल) के खाता संख्या 0478000100616522 का संचालन बेसिक शिक्षा अधिकारी बुद्धप्रिय सिंह और सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी के हस्ताक्षर से किया जाता रहा है।
बीएसए बीपी सिंह ने बताया कि पिछले काफी समय से इस मद से कोई खर्च नहीं हुआ था। लेकिन मार्च और अप्रैल में इस खाते से लगातार लेनदेन होता रहा। इस खाते से 16 मार्च 2017 से लेकर 6 अप्रैल 2017 के बीच 67.90 लाख रुपये निकाल लिए गए।
13 अप्रैल को पीएनबी प्रबंधक ने बीएसए कार्यालय के लेखाकार धर्मेंद्र कुमार को इस खाते से लगातार पैसे की निकासी होने की जानकारी दी तो विभाग के अधिकारियों के होश उड़ गए।
उन्होंने बैंक मैनेजर को बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस खाते से लगभग एक साल से कोई लेनदेन नहीं किया है और पूरी चेकबुक उनके पास है तो बैंक मैनेजर के पैरों तले भी जमीन खिसक गई।
पूरा स्टेटमेंट निकलवाकर मिलान किया गया तो बहुत बड़े फर्जीवाडे का खुलासा हुआ। बीएसए को जो चेकबुक जारी की गई थी, उसी नंबर की चेकबुक के चेक से बीएसए के हस्ताक्षर से पैसे निकाले गए।
जब बीएसए की चेकबुक देखी गई तो उसमें सभी चेक मौजूद मिले। चेक पर हस्ताक्षरों का मिलान किया गया तो हस्ताक्षर भी नहीं मिले। फर्जी चेक बनाकर और फर्जी हस्ताक्षर कर 67.90 लाख रुपये निकाल लिए गए और किसी को भनक तक नहीं लग सकी।
इसकी सूचना बीएसए ने उच्चाधिकारियों को दी। इस मामले में बीएसए बीपी सिंह ने सदर बाजार कोतवाली में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई है।
बीएसए बीपी सिंह का कहना है कि 67.90 लाख रुपये सर्व शिक्षा अभियान के खाते से निकाले गए हैं। यह धनराशि तीन खातों में स्थानांतरित की गई है। बैंक मैनेजर से धनराशि को खाते में वापस करने के लिए पत्र भेजा गया है।
षड्यंत्र के तहत धोखाधड़ी एवं फर्जी हस्ताक्षर की सरकारी धन का गबन करने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसमें बैंक कर्मचारी की संलिप्तता की भी संभावना है।