सुल्तानपुर : बेसिक स्कूलों में रोजाना पंद्रह मिनट पर्यावरण व सदाचार पर चर्चा
सुलतानपुर: योगी सरकार के कार्यभार ग्रहण करने के बाद अब शिक्षा में भी आमूलचूल परिवर्तन शुरू हो गए हैं। निशाने पर है बेसिक शिक्षा विभाग। अब स्कूलों में बच्चों को जागरूक करने के वास्ते रोजाना प्रार्थना के बाद 15 मिनट देश, समाज, पर्यावरण और सदाचार, स्वच्छता आदि पर पंद्रह मिनट चर्चा होगी। फिर शुरू होगी पढ़ाई। जिले के सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में एक जैसी समय-सारिणी के अनुरूप विषयों के बाद पीरियड तय कर दिए गए हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग की गुणवत्ता प्रकोष्ठ में मौजूदा शैक्षिक सत्र की शुरूआत में गत शनिवार को महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। जिला समन्वयक प्रशिक्षण अब्दुल कादिर के संयोजन में प्रकोष्ठ की बैठक के दौरान पहली से आठवीं कक्षा तक के सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए न सिर्फ समय-सारिणी निर्धारित की गई, बल्कि सामूहिक कार्ययोजना भी तय कर दी गई है। सुबह सबसे पहले प्रार्थना होगी और फिर पंद्रह मिनट प्रेरणागीत, राष्ट्रगान, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, स्वच्छता, सदाचार, देशभक्तों, महान पुरुषों, शहीदों पर शिक्षक बच्चों के साथ चर्चा करेंगे। व्यक्तिगत स्वच्छता का भी अवलोकन किया जाएगा। प्रत्येक शनिवार को अंतिम दो कक्षाओं में सभी बेसिक जूनियर हाईस्कूलों में बालसभा होगा। जिसके अंतर्गत वाद-विवाद प्रतियोगिता, अंत्याक्षरी, निबंध लेखन, कहानी लेखन, कला, मिट्टी-कागज के खिलौने का निर्माण, समूह गान, कला प्रतियोगिताएं आदि के आयोजन होंगे। अब प्रत्येक प्रीरियड 40 मिनट का होगा। मध्यावकाश के लिए 30 मिनट निर्धारित किए गए हैं। खेलकूद, व्यायाम, स्काउट गाइड, नैतिक शिक्षक, उपचारात्मक शिक्षा के लिए आखिरी आठवां प्रीरियड रहेगा। बीएसए केके ¨सह ने बताया कि सर्वशिक्षा अभियान परियोजना के अंतर्गत उच्चाधिकारियों के दिशा-निर्देशानुसार समय-सारिणी का निर्धारण किया गया है। जिसके शत-प्रतिशत क्रियान्वयन के लिए मातहतों को दिशा-निर्देश जारी करते हुए इसके तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
यूं तो बेसिक स्कूलों में पुस्कालय की संरचना व कल्पना वर्षों पुरानी है, लेकिन यह कभी व्यावहारिक तौर पर अमलीजामा नहीं पहन सकी थी। योगी सरकार ने इसे भी नया रूप प्रदान करने की कोशिश की है। नई समय-सारिणी के साथ-साथ प्रत्येक विद्यालय में पुस्तकालय की स्थापना और बच्चों को इनका सदुपयोग करने के लिए प्रेरित करने के लिए भी शिक्षकों को दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं।