लखनऊ : यश भारती पुरस्कार की गहन समीक्षा होगी: मुख्यमंत्री
राज्य ब्यूरो, लखनऊ । मुख्यमंत्री ने यश भारती पुरस्कार की गहन समीक्षा करने के निर्देश देते हुए पुरस्कारों की गरिमा का ध्यान रखने की बात कही। उन्होंने कुशीनगर की मैत्रेय परियोजना के पुनर्विचार को जरूरी बताते हुए वृद्ध व विपन्न कलाकारों की मासिक पेंशन को बढ़ाने का आश्वासन भी दिया।
गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्कृति विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान यश भारती पुरस्कार की गहन समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुरस्कार किन आधार व मापदंडों पर दिए इसकी समीक्षा की जाए। इसके बाद ही जरूरी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। कहा कि पुरस्कार वितरण में गरिमा का ध्यान रखा जाए। अपात्रों को पुरस्कृत करने से पुरस्कार की गरिमा गिरती है।
प्रस्तुतिकरण के दौरान कुशीनगर की मैत्रेय परियोजना का जिक्र आने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना पर पुनर्विचार की आवश्यकता है क्योंकि अनावश्यक भूमि अधिग्रहण के कारण किसान इसका विरोध कर रहे हैं। किसी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों की राय अवश्य ली जानी चाहिए।
जहां तक भी संभव हो ऊसर, बंजर जैसी अनुपजाऊ भूमि का उपयोग परियोजनाएं स्थापित करने को किया जाए। मैत्रेय परियोजना पर पुनर्विचार किया जाए और इसे रोक दिया जाए क्योंकि इस परियोजना में शामिल ट्रस्ट ने 14 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी आगे बढ़ाने की दिशा में कोई कार्य नहीं किया।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ1मुख्यमंत्री ने यश भारती पुरस्कार की गहन समीक्षा करने के निर्देश देते हुए पुरस्कारों की गरिमा का ध्यान रखने की बात कही। उन्होंने कुशीनगर की मैत्रेय परियोजना के पुनर्विचार को जरूरी बताते हुए वृद्ध व विपन्न कलाकारों की मासिक पेंशन को बढ़ाने का आश्वासन भी दिया।1गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्कृति विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान यश भारती पुरस्कार की गहन समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुरस्कार किन आधार व मापदंडों पर दिए इसकी समीक्षा की जाए। इसके बाद ही जरूरी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। कहा कि पुरस्कार वितरण में गरिमा का ध्यान रखा जाए। अपात्रों को पुरस्कृत करने से पुरस्कार की गरिमा गिरती है।1प्रस्तुतिकरण के दौरान कुशीनगर की मैत्रेय परियोजना का जिक्र आने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना पर पुनर्विचार की आवश्यकता है क्योंकि अनावश्यक भूमि अधिग्रहण के कारण किसान इसका विरोध कर रहे हैं। किसी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों की राय अवश्य ली जानी चाहिए। 1जहां तक भी संभव हो ऊसर, बंजर जैसी अनुपजाऊ भूमि का उपयोग परियोजनाएं स्थापित करने को किया जाए। मैत्रेय परियोजना पर पुनर्विचार किया जाए और इसे रोक दिया जाए क्योंकि इस परियोजना में शामिल ट्रस्ट ने 14 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी आगे बढ़ाने की दिशा में कोई कार्य नहीं किया।