मुरादाबाद : शिक्षा में धांधली रोकने का हथियार बना ‘आधार’
नीलम सिंह ’मुरादाबाद । प्रदेश सरकार अब शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए सख्त कदम उठा रही है। इसके लिए तकनीक रूप से ों को सख्त किया जा रहा है, ताकि धांधली को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके। शासन ने सभी स्तर पर आधार नंबर को अनिवार्य करने का फैसला लिया है। स्नातक या तकनीकी कक्षा में दाखिले के लिए आधार कार्ड का नंबर दर्ज कराना पहले से ही अनिवार्य था। अब हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और पॉलीटेक्निक की परीक्षा भी बिना आधार के नहीं दी जा सकती है।
यूपी बोर्ड के विद्यालयों में नकल माफिया पर नकेल कसने का काम शुरू हो गया है। वह पहले जिन माध्यमों से छात्रों को प्रवेश दिलाते थे, एक-एक कर उन्हें बंद किया जा रहा है। इस पर नकेल के लिए आधार कार्ड हथियार बनकर उभर रहा है।
पंजीकरण से शुरू हो जाती है कमाई : हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में उगाही की शुरुआत कक्षा नौ और 11 में प्रवेश के समय से ही हो जाती है। नाम बदलकर ऑनलाइन पंजीकरण कराकर छात्र संख्या बढ़ाई जाती है और बाद में काफी हद तक अपनी पसंद से परीक्षा केंद्र भी बनवा लिए जाते हैं। वहां पर नकल कराने के लिए मनमाफिक रकम वसूली जाती है।
फर्जी छात्र संख्या से हड़पते हैं छात्रवृति : शासन द्वारा छात्रों के हित में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसमें छात्रवृति सबसे प्रमुख है। शिक्षा माफिया फर्जी छात्रों को दिखाकर शासन से छात्रवृति की रकम भी ऐंठते हैं। अब कक्षा नौ और 11 में पंजीकरण के समय आधार नंबर दर्ज कराना होगा। इससे वास्तविक छात्र की पहचान आसानी से हो सकेगी। वहीं पॉलीटेक्निक में प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए प्राविधिक शिक्षा परिषद ने पहले, तीसरे और पांचवें सेमेस्टर में पंजीयन के दौरान छात्रों को आधार नंबर दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है।
सेना भर्ती में रुकेगी धांधली : पुलिस, अर्ध सैनिक बल और सेना भर्ती के लिए फॉर्म भरने में न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल होती है। इसमें कई बार अभ्यर्थी की उम्र ज्यादा हो जाती है और उसका चयन नहीं हो पाता है तो वह दोबारा से नाम बदलकर हाईस्कूल की परीक्षा में बैठ जाता है। आधार नंबर लागू होने से नाम बदलकर परीक्षा देने पर भी रोक लगेगी।
हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और पॉलीटेक्निक में भी आधार अनिवार्य
छात्रवृत्ति और अन्य धांधली को रोकने के लिए लिया गया निर्णयनए शैक्षिक सत्र से पंजीकरण के दौरान आधार नंबर देना आवश्यक हो जाएगा। इससे सरकार के पास छात्र की पूरी जानकारी मौजूद होगी और फर्जी एडमीशन पर रोक लग सकेगी। सरकार की तमाम योजनाओं का फायदा वास्तविक छात्रों को मिलेगा।
संजय कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।