मथुरा : फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र मामले की जांच शुरू
जागरण संवाददाता, मथुरा: बीटीसी में वर्ष 2013 और 14 में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र जमा कर प्रवेश लेने वाले तीन दर्जन अभ्यर्थियों की जांच शुरू हो गई है। इनके खिलाफ थाना रिफाइनरी में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। माना जा रहा है कि जांच फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र बनाने वाले रैकेट का पर्दाफाश हो सकता है।
डायट में वर्ष 2013 और 14 में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर 35 अभ्यर्थी प्रवेश लेने में सफल हो गए थे। डायट ने शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच इन अभ्यर्थियों के हाईस्कूल, इंटर और स्नातक के शैक्षिक प्रमाण पत्र बोर्ड और यूनिवर्सिटी से जारी न किए जाने का खुलासा हुआ। प्राचार्य डॉ. मुकेश अग्रवाल ने इन्हें डायट से निष्कासित करके इनके खिलाफ थाना रिफाइनरी में रिपोर्ट कराई। थाना रिफाइनरी के एसएसआइ राकेश कुमार यादव ने बताया कि इस प्रकरण जांच की जा रही है।
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पहले भी निकले हैं फर्जी प्रमाण पत्र
वर्ष 2014 के अंत में परिषदीय विद्यालय में सहायक शिक्षक भर्ती के लिए प्रदेश में 15 हजार जगह निकाली गई थीं। जनपद में 200 शिक्षक भर्ती होने थे। इसके लिए अक्टूबर 2015 में काउंसि¨लग हुई थी। इसमें 13 टेट की मार्कशीट फर्जी निकली थीं। प्रदेशभर में 16448 सहायक अध्यापक पदों के लिए जून 2016 में काउंसिलिंग हुई थी। जिले में भी 173 पदों के लिए काउंसि¨लग हुई। इसमें दिसंबर 2016 में 19 अभ्यर्थी फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने की कोशिश करते हुए पकड़े गए थे।