बागपत : मां को कहानी सुनाकर बेटियों को लाएंगे स्कूल, बालिका शिक्षा का प्लान, महिला व बालिकाओं को करेंगे प्रेरित
जागरण संवाददाता, बागपत : शिक्षा विभाग ने बालिकाओं का भविष्य संवारने को नई पहल की है। शिक्षा के प्रति प्रेरित करने के लिए अब मां को कहानी सुनाकर बेटी को स्कूल लाने का प्लान है। दरअसल, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम मे तहत छह से 14 साल की सभी बालिकाओं का स्कूलों में नामांकित कराने का लक्ष्य है। इसके लिए गांव और कस्बों में नारी चौपाल, रैली और नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर अभिभावकों को बच्चों को शिक्षा दिलाने को प्रेरित किया जा रहा है। अब मां और बांप को बेटियों की सफलता की कहानी सुनाकर प्रेरित करने का अभियान चलेगा। शिक्षा विभाग ने 20 बेटियों की सफलता की कहानी की किताब ¨पट्र कराई है। 1उच्च प्राथमिक स्कूलों की मीना मंच की छात्रओं के सहयोग से गली-मोहल्लों में नारी चौपाल लगाकर मां को कहानी सुनाकर शिक्षा की महत्ता समझाकर वंचित बेटियों को स्कूलों में शिक्षा दिलाने का काम होगा।1बेटियों की सफलता की कहानी सुनाने के साथ मां-बाप को बालिका शिक्षा स्वास्थ्य, साफ-सफाई, अनुशासन तथा सामाजिक कुरीतियां मिटाने, भ्रूण हत्या रोकने को जागरूक बनाने के लिए विशेष काम होगा। इसके लिए यथासंभव कई प्रयास अमल में लाए जाने की व्यवस्था बनाई जा रही है।1बीएसए योगराज सिंह ने कहा कि सभी शिक्षकों को ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं के नामांकन कराने की हिदायत दी गई है। स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने तथा शिक्षण गुणवत्ता सुधारने पर जोर है।जागरण संवाददाता, बागपत : शिक्षा विभाग ने बालिकाओं का भविष्य संवारने को नई पहल की है। शिक्षा के प्रति प्रेरित करने के लिए अब मां को कहानी सुनाकर बेटी को स्कूल लाने का प्लान है। दरअसल, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम मे तहत छह से 14 साल की सभी बालिकाओं का स्कूलों में नामांकित कराने का लक्ष्य है। इसके लिए गांव और कस्बों में नारी चौपाल, रैली और नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर अभिभावकों को बच्चों को शिक्षा दिलाने को प्रेरित किया जा रहा है। अब मां और बांप को बेटियों की सफलता की कहानी सुनाकर प्रेरित करने का अभियान चलेगा। शिक्षा विभाग ने 20 बेटियों की सफलता की कहानी की किताब ¨पट्र कराई है। 1उच्च प्राथमिक स्कूलों की मीना मंच की छात्रओं के सहयोग से गली-मोहल्लों में नारी चौपाल लगाकर मां को कहानी सुनाकर शिक्षा की महत्ता समझाकर वंचित बेटियों को स्कूलों में शिक्षा दिलाने का काम होगा।1बेटियों की सफलता की कहानी सुनाने के साथ मां-बाप को बालिका शिक्षा स्वास्थ्य, साफ-सफाई, अनुशासन तथा सामाजिक कुरीतियां मिटाने, भ्रूण हत्या रोकने को जागरूक बनाने के लिए विशेष काम होगा। इसके लिए यथासंभव कई प्रयास अमल में लाए जाने की व्यवस्था बनाई जा रही है।1बीएसए योगराज सिंह ने कहा कि सभी शिक्षकों को ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं के नामांकन कराने की हिदायत दी गई है। स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने तथा शिक्षण गुणवत्ता सुधारने पर जोर है।