गोण्डा : परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक स्थिति सुधारने के साथ प्रतियोगिता बढ़ाएगी शैक्षिक गतिविधियों में दिलचस्पी
संसू, गोंडा : परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक स्थिति सुधारने के साथ खेल को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए महीने के हर बुधवार को विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस दिन को ‘डे ऑफ ज्वॉय एंड प्ले’ के रूप में मनाया जाएगा। इसमें खेल, सांस्कृतिक व कला संबंधी कार्यक्रम होंगे। विजेता बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा।1बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित परिषदीय विद्यालयों में पाठ्यक्रमों को बढ़ाया जाता है। इसके अलावा वहां कुछ नहीं होता। इससे यहां खेल या फिर अन्य सांस्कृतिक प्रतिभाएं नहीं निकलती हैं। कुछ बच्चों में विशेष गुण होते हैं, लेकिन स्कूल में इस प्रकार के आयोजन न होने से प्रतिभा कुंद हो जाती है। इस अभाव को समाप्त करने की व्यवस्था बनाई गई है। इसके लिए सप्ताह के एक दिन को खेलकूद व अन्य प्रतियोगिताओं के लिए मुकर्रर किया गया है। इस दिन स्कूल में सांस्कृतिक गतिविधियां ही आयोजित की जाएगी। इससे अध्यापक व बच्चों में संवाद बढ़ेगा और शिक्षा के साथ ही दूसरे क्षेत्र में भी जा सके। शुरूआत में इसके लिए ब्लॉक स्तर पर तैनात खेल शिक्षकों को इस प्रकार की गतिविधियां कराने की जिम्मेदारी मिलीाई है। उसके बाद अध्यापक खुद ही इसका आयोजन करते रहेंगे।
संसू, गोंडा : परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक स्थिति सुधारने के साथ खेल को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए महीने के हर बुधवार को विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस दिन को ‘डे ऑफ ज्वॉय एंड प्ले’ के रूप में मनाया जाएगा। इसमें खेल, सांस्कृतिक व कला संबंधी कार्यक्रम होंगे। विजेता बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा।1बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित परिषदीय विद्यालयों में पाठ्यक्रमों को बढ़ाया जाता है। इसके अलावा वहां कुछ नहीं होता। इससे यहां खेल या फिर अन्य सांस्कृतिक प्रतिभाएं नहीं निकलती हैं। कुछ बच्चों में विशेष गुण होते हैं, लेकिन स्कूल में इस प्रकार के आयोजन न होने से प्रतिभा कुंद हो जाती है। इस अभाव को समाप्त करने की व्यवस्था बनाई गई है। इसके लिए सप्ताह के एक दिन को खेलकूद व अन्य प्रतियोगिताओं के लिए मुकर्रर किया गया है। इस दिन स्कूल में सांस्कृतिक गतिविधियां ही आयोजित की जाएगी। इससे अध्यापक व बच्चों में संवाद बढ़ेगा और शिक्षा के साथ ही दूसरे क्षेत्र में भी जा सके। शुरूआत में इसके लिए ब्लॉक स्तर पर तैनात खेल शिक्षकों को इस प्रकार की गतिविधियां कराने की जिम्मेदारी मिलीाई है। उसके बाद अध्यापक खुद ही इसका आयोजन करते रहेंगे।