बांदा : प्रदेश सरकार की सख्ती का असर अब बेसिक शिक्षा विभाग पर दिखाई देना शुरू हो गया, सबद्धता खत्म,मूल विद्यालय में करना होगा काम
जागरण संवाददाता, बांदा : प्रदेश सरकार की सख्ती का असर अब बेसिक शिक्षा विभाग पर दिखाई देना शुरू हो गया है। नए शिक्षा सत्र में अटैचमेंट के सहारे अब नौकरी नहीं चलेगी। जिले के तकरीबन दो दर्जन से अधिक अपने मनमाफिक विद्यालयों में संबंद्ध शिक्षकों को मूल विद्यालय में भेजने का आदेश जारी हो गया है।
1अप्रैल से नया शिक्षण सत्र शुरू हो चुका है। शिक्षा में गुणात्मक सुधार को लेकर सरकार भी पूरी सख्ती के मूड में है। लिहाजा नजाकत को भांपते हुए विभागीय अफसर भी अब जरा भी कोताही बरतने से कन्नी काटने लगे हैं। बताते चलें कि मनमाफिक विद्यालयों में ड्यूटी करने को लेकर अटैचमेंट का जो सिस्टम चल रहा था उस पर फिलहाल ब्रेक लगता नजर आ रहा है। विभागीय जानकारी के मुताबिक पिछले कई सालों से बहुत से शिक्षक अपने मनमाफिक विद्यालयों में ड्यूटी कर रहे थे जबकि उनकी मूल तैनाती कहीं दूसरे स्कूलों में हैं। 1 अप्रैल से शिक्षण सत्र शुरू होने के साथ ही परिवर्तन भी दिखाई दे रहा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने
सभी खंड शिक्षाधिकारियों को अटैचमेंट समाप्त करने के आदेश 31 मार्च को जारी किया था। इस पर अमल भी शुरू हो चुका है। बताते हैं कि खंड शिक्षा अधिकारियों ने संकुल प्रभारियों को इस आशय का निर्देश जारी कर दिया है। दूसरे स्कूलों, बीआरसी आदि में संबंद्ध जिले के लगभग 28 शिक्षकों को उनके मूल स्कूल भेजने का आदेश जारी हुआ है। इस संबंध में जब बेसिक शिक्षा अधिकारी के सीयूजी नंबर पर फोन किया गया तो फोन रिसीव नहीं हुआ।
आखिर इनका क्या होगा
बांदा : वहीं शिक्षक संघ के कई पदाधिकारियों का कहना है कि इस आदेश का पालन वर्षों से समन्वयक, सह समन्वयक, संकुल प्रभारी, बीआरसी प्रभारी का कार्य देख रहे शिक्षकों पर कैसे प्रभावी होगा। ज्ञातव्य है कि शिक्षा अधिकारियों की सांठगांठ से आज भी विभिन्न कार्यालयों में जिम्मेदार पदों पर कई शिक्षक आदेश जारी होने के छह दिन बाद भी काबिज हैं।