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फिरोजाबाद : एबीआरसी का कार्यकाल खत्म, चहेतों की बढ़ी धड़कनें

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एबीआरसी का कार्यकाल खत्म, चहेतों की बढ़ी धड़कनें

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : एक अप्रैल का सवेरा बेसिक शिक्षा विभाग में कई परिवर्तन की आहट संग आया। शुक्रवार तक चेहरों पर अफसरों का रौब गालिब कर स्कूलों की दौड़ लगाने वाले शिक्षकों के चेहरों का रंग उड़ गया है। एबीआरसी के रूप में इन शिक्षकों के हस्ताक्षरों पर विभाग ने रोक लगा दी है। ऐसे में सालों से जोड़-तोड़ से सहायक ब्लॉक समन्वयक (एबीआरसी) के पद पर कब्जा जमाए बैठे शिक्षकों के चेहरों का रंग बदल गया है। इन शिक्षकों को ¨चता है कि अगर शासन ने नए चयन के आदेश किए तो कई को फिर से स्कूल में चॉक थामनी होगी।

बेसिक शिक्षा विभाग में हर ब्लॉक में शिक्षण व्यवस्था के पर्यवेक्षण के साथ विभागीय सूचनाओं के लिए एबीआरसी हैं। विभाग के शिक्षकों में से ही इनका चयन हर तीन वर्ष बाद करने का नियम है। 2011 में परीक्षा से इनका चयन हुआ था। कार्यकाल 2014 में खत्म हुआ, लेकिन उस वक्त शासन ने तीन वर्ष के लिए चयन को बढ़ा दिया। इसके पीछे प्रदेश भर में तत्कालीन अफसरों से एबीआरसी की विभागीय सांठ-गांठ भी रही, ताकि नए चयन में दूसरे न आ जाएं। 31 मार्च 2017 को बढ़ी हुई अवधि भी बीत गई है। प्रदेश में सरकार बदली हुई है तो ऐसे में अधिकारियों ने भी तत्काल प्रभाव से एबीआरसी को हस्ताक्षर करने से रोक दिया है। विभागीय अफसरों को शासन से अग्रिम आदेश मिलने का इंतजार है। इसके बाद चयन किया जाएगा। ऐसे में वे एबीआरसी खासे परेशान हैं, जो 2011 में चयनित नहीं हुए थे, लेकिन बाद में सत्ताधारी नेताओं से संबंध के आधार पर उन्होंने एबीआरसी पद पर अस्थायी तैनाती करा ली। अब बदली हुई सरकार में नवीन चयन में उनका स्कूलों में जाना तय है।

विवादित रहे हैं कई शिक्षक

* एका के एक एबीआरसी पर पिछले साल में कई गंभीर आरोप लगे। उनके खिलाफ शासन तक शिकायतें हुई, जिनकी जांच चल रही है।

* शिकोहाबाद के एक एबीआरसी शिक्षाधिकारियों के नाम पर क्षेत्र में वसूली के लिए खासे चर्चित रहे हैं। नगर क्षेत्र के प्राइवेट स्कूलों से भी वसूली की शिकायतें अफसरों से की गई।

* टूंडला के एक एनपीआरसी द्वारा डीएम और बीएसए का खौफ दिखा कर स्कूलों से 15 सौ रुपये तक वसूले गए। क्लि¨पग बनने पर इन्हें निलंबित किया गया।

* कई एबीआरसी भवन निर्माण सहित अन्य मामलों में भी जांच के घेरे में आए हैं।

प्रेरक भी हटाए गए, कैसे होगी साक्षरता परीक्षा :

साक्षर भारत मिशन भी 31 मार्च को खत्म हो गया है। अभी तक नवीनीकरण के आदेश नहीं आए हैं। ऐसे में ग्राम पंचायतों में इसके तहत चयनित प्रेरकों को भी सामान जमा करने तथा शनिवार से हस्ताक्षर न करने के आदेश दिए हैं। सवाल यह भी खड़ा है कि अप्रैल में प्रस्तावित साक्षरता परीक्षा बगैर प्रेरकों के कैसे होगी?

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'प्रेरक और एबीआरसी का कार्यकाल खत्म हो गया है। साक्षर भारत मिशन 2017 तक है। अगर इसकी अवधि बढ़ती है तो फिर से चयन होगा। एबीआरसी के संबंध में शासन से अगर चयन के आदेश आते हैं तो फिर चयन किया जाएगा।'

-डॉ.सच्चिदानंद यादव

जिला बेसिक शिक्षाधिकारी

फीरोजाबाद

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