वाराणसी : यूपी बोर्ड के माध्यमिक स्कूलों का नया सत्र जुलाई से शुरू होने से फीस का मुद्दा फंस गया, तीन माह की फीस का पेंच फंसा
वाराणसी। यूपी बोर्ड के माध्यमिक स्कूलों का नया सत्र जुलाई से शुरू होने से फीस का मुद्दा फंस गया है। अप्रैल, मई, जून की फीस कौन देगा? अभी यह स्पष्ट नहीं है। रविवार को प्रधानाचार्य परिषद की बैठक बीएचयू स्थित विश्वनाथ मंदिर प्रांगण में हुई जिसमें यह मुद्दा कई प्रधानाचार्यों ने उठाया।
अब तक फीस अप्रैल से अप्रैल तक जमा होती थी। प्रधानाचार्यों का कहना है 2017-18 का शैक्षिक सत्र जुलाई से मार्च तक होगा। ऐसे में कोई छात्र अप्रैल, मई और जून की फीस क्यों जमा करेगा। इस पर अभिभावक भी आपत्ति करेंगे। कुछ प्रधानाचार्यों का सुझाव था कि शैक्षिक सत्र जुलाई से ही किया जाए। कुछ का कहना था कि स्कूलों का समय दस से चार बजे होना चाहिए। इस समय सारिणी में अध्यापन के लिए अधिक समय मिलेगा।
प्रधानाचार्यों का कहना था कि बोर्ड परीक्षा के दौरान उन्हें बेवजह अपमानित किया गया। केंद्र निर्धारण का काम शिक्षाधिकारियों का है। अगर बोर्ड परीक्षा में कोई गड़बड़ी है तो उसके लिए प्रधानाचार्य को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है।
डॉ.हरेंद्र राय की अध्यक्षता में हुई बैठक में डॉ.महेंद्र प्रताप सिंह, डॉ.चंद्रमणि सिंह, डॉ.चंद्रशेखर सिंह, डॉ.श्रीप्रकाश सिंह, डॉ.एनपी सिंह, डॉ.अरुण कुमार शर्मा, डॉ.पारसनाथ द्विवेदी, डॉ.जयप्रकाश सिंह, भरत विश्वकर्मा, डॉ.हरेंद्र कुमार आदि ने विचार रखे।