एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर श्रावस्ती बहराइच मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

जालौन : मॉडल विद्यालय नहीं हो सके हैंडओवर

0 comments

मॉडल विद्यालय नहीं हो सके हैंडओवर



जागरण संवाददाता, उरई : शिक्षा व्यवस्था को सु²ढ़ बनाने के लिए भले ही सरकारी स्तर पर तमाम प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन शिथिलता के चलते धरातल पर क्रियान्वयन नजर नहीं आता है। जनपद में तीन माडल विद्यालय बनवाए गए हैं। जिनका संचालन अब तक शुरू नहीं हो सका है। नए शिक्षा सत्र में संचालित होने की उम्मीद भी कम दिखाई दे रही है। हालत यह है कि कार्यदाई संस्था ने विद्यालय भवनों को हस्तांतरित तक नहीं किया है।

जनपद में विद्यालयों की कमी को पूरा करने और शिक्षण व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए वर्ष 2011-12 में चुर्खी, पिपरायां, खरूसा में माडल विद्यालयों का निर्माण शुरू शुरू कराया गया था। इसमें एक विद्यालय भवन की लागत 3 करोड़ 2 लाख रुपये थी। निर्माण का काम कार्यदाई संस्था यूपीपीसीएल को दिया गया था। कुछ समय तक तो कार्य बहुत ही ढीला रहा। बीच में कुछ महीने तक काम बंद भी कर दिया गया। जिसके बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कार्यदाई संस्था पर दबाव बनाया तो काम शुरू हुआ लेकिन कछुआ गति से विद्यालय भवनों के निर्माण में पांच साल लग गए। हालांकि अब तीनों विद्यालय लगभग बनकर तैयार हो गए हैं लेकिन एक विद्यालय में अभी कुछ काम बाकी है। ऐसे में इस सत्र में भी विद्यालय संचालित होने की उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। शिथिलता के चलते छात्र छात्राओं को शिक्षापरक योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। लापरवाही का आलम ये है कि अब तक इन विद्यालय भवनों को हैंडओवर तक नहीं किया जा सका है। जिला विद्यालय निरीक्षक राजेंद्र बाबू का कहना है कि शासन के निर्देश आने के बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकता है। नए शिक्षा सत्र से विद्यालय संचालित करने के लिए पूरे प्रयास किए गए हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।