इलाहाबाद : गैर मान्यता स्कूलों के खिलाफ चलेगा अभियान, निजी स्कूलों को मेरिट के आधार पर पारदर्शी तरीके से प्रवेश देना होगा
इलाहाबाद प्रमुख संवाददाता । निजी स्कूलों को मेरिट के आधार पर पारदर्शी तरीके से प्रवेश देना होगा। फीस बढ़ोतरी व अन्य पहलुओं की जांच के लिए गठित चार सदस्यीय कमेटी ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी। इसमें प्रवेश सहित कई बिंदुओं की संस्तुति की गई है।
निजी स्कूलों की मनमाना फीस वसूली व अन्य अनियमिताओं की जांच के लिए दो हफ्ते पहले एडीएम फाइनेंस डीएस पांडेय की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन जिलाधिकारी संजय कुमार ने किया था। इसमें मुख्य कोषाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी शामिल किया गया था। जांच के बिंदुओं में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की मांगों को भी शामिल कर लिया था। अभाविप के लोगों ने छह दिन तक अनशन भी किया था।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि सभी स्कूल प्रवेश का मानक तय कर लें। इसकी जानकारी अभिभावकों को भी दे दें। मेरिट से एडमिशन करना है तो मेरिट लिस्ट स्कूल परिसर में चस्पा की जाए। किस आधार पर बच्चे का प्रवेश निरस्त किया गया। इसकी भी जानकारी अभिभावकों को दी जाए। एडमिशन फीस का विवरण फार्म के साथ आवेदकों को उपलब्ध करा दिए जाएं।
अगर एसी के लिए फीस जा रही है तो उसकी सुविधा होनी चाहिए। वरना उसकी फीस ही न ली जाए। जिन सुविधाओं के नाम पर शुल्क लिया जा रहा है, वह स्कूल में होनी चाहिए। स्कूलों में ड्रेस व कापी किताब के स्टॉल नहीं लगने चाहिए। विद्यार्थियों को निर्धारित दुकान से कापी, किताब व ड्रेस खरीदने के लिए बाध्य न किया जाए। अभिभाव जहां से भी चाहें वहां से यह सारी सामग्री ले सकते हैं।
एनसीआरटी की किताबों के अलावा दूसरे प्रकाशकों की पुस्तकें खरीदने के लिए बच्चों को बाध्य न किया जाए। वरना कार्रवाई की जाएगी।
हर स्कूल में 25 फीसदी गरीब बच्चों को प्रवेश दिया जाए। उसकी सूची भी प्रशासन को उपलब्ध कराई जाए। जिससे उन बच्चों का सत्यापन किया जा सके। स्कूल को अभिभावकों की सहमति के बाद ही किसी तरह के कार्यक्रम के लिए चंदा ले सकते हैं। इसके लिए अभिभावक संघ की बैठक भी बुलानी होगी।