इलाहाबाद : परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति नियमावली में हाईकोर्ट के निर्णय से बड़ा बदलाव हुआ, तदर्थ नियुक्ति के खिलाफ याचिका खारिज
विधि संवाददाता, इलाहाबाद : परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति नियमावली में हाईकोर्ट के निर्णय से बड़ा बदलाव हुआ है, लेकिन तदर्थ नियुक्ति प्रकरण में हस्तक्षेप करने से हाईकोर्ट ने इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने 72825 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के मामले में करीब 1100 सहायक अध्यापकों को तदर्थ नियुक्ति देने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है।
हाईकोर्ट ने मामले में यह कहते हुए हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया कि याचीगण ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल की है, लिहाजा मामले में हस्तक्षेप का औचित्य नहीं है। ऋषि श्रीवास्तव और अन्य की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति अभिनव उपाध्याय ने सुनवाई की। शिक्षामित्रों के अधिवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार ने सहायक अध्यापक भर्ती नियमावली में 15वां संशोधन करके नियुक्तियां शैक्षणिक गुणांक के आधार पर करने का निर्णय लिया था। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई और खंडपीठ ने 15वां संशोधन रद करते हुए नियुक्तियां टीईटी प्राप्तांक पर करने का आदेश दिया। इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई है। इस दौरान लगभग 1100 अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर कहा कि यदि हाईकोर्ट ने 15वां संशोधन रद नहीं होता तो उनकी शैक्षणिक गुणांक पर नियुक्ति मिल गई होती। एसएलपी के लंबित रहने के दौरान उनको नियुक्ति दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों को तदर्थ रूप से सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति देने का आदेश दिया तथा कहा कि यह नियुक्तियां एसएलपी के निर्णय पर निर्भर करंेगी। जनवरी 2017 को प्रदेश सरकार ने शासनादेश जारी कर नियुक्ति प्रारंभ कर दी। इस बीच हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया कि जिन अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दी जा रहीं हैं उन्होंने कभी आवेदन नहीं किया है तथा वह नियुक्ति की अर्हता और मानक को पूरा नहीं करते हैं। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के आदेश से की जा रही हैं और याचीगण भी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पक्षकार हैं, लिहाजा हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं है।तदर्थ नियुक्ति के खिलाफ याचिका खारिज