इलाहाबाद : डीआइओएस के अनुमोदन पर बढ़ेंगे परीक्षक, शिक्षा निदेशक की मुहर के बाद सभी जिलों को जारी होगा आदेश, यूपी बोर्ड की अहम बैठक आज
हाईस्कूल व इंटर की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में परीक्षक इस बार आयाराम-गयाराम के दायरे में नहीं रहेंगे। जिन परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है, वह कार्य नहीं करेंगे तो उन्हें लिखित जवाब देना होगा। साथ ही मूल्यांकन केंद्र नियंत्रक व उपनियंत्रक की मनमर्जी से कोई शिक्षक परीक्षक नहीं बन सकेगा। जिला विद्यालय निरीक्षक यानी डीआइओएस से अनुमोदन के बाद परीक्षकों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की सचिव शैल यादव ने मंगलवार को इलाहाबाद व मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय से जुड़े जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षक, संयुक्त शिक्षा निदेशक और मूल्यांकन केंद्र व्यवस्थापकों से कहा कि कॉपियों के मूल्यांकन में किसी तरह की रियायत नहीं बरती जाएगी। परीक्षक हर प्रश्न और उसके उत्तर को ठीक से पढ़कर अंक दें। इस तरह का मूल्यांकन हो कि यदि आरटीआइ के जरिए परीक्षार्थी या फिर अन्य कोई शख्स उसे देखना चाहे तो किसी तरह की चूक सामने न आए। बोर्ड प्रशासन इस बार प्रदेश के 254 मूल्यांकन केंद्रों पर करीब एक लाख 35 हजार परीक्षकों को नियुक्त कर रहा है। हाईस्कूल व इंटर की तीन करोड़ उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने के लिए यह संख्या पर्याप्त है। कई बार यह देखा गया है कि परीक्षक मूल्यांकन करने नहीं आते इससे काम प्रभावित होता है और दूसरे परीक्षकों की ऐन वक्त पर तैनाती करनी पड़ती है। यह प्रकरण मंगलवार को बैठक में भी उठा। इस पर बोर्ड सचिव ने स्पष्ट किया कि वह परीक्षकों की गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता नहीं करेंगी। यह नहीं होगा कि मूल्यांकन केंद्र प्रभारी अपने मन से परीक्षक तैनात कर लें।
इस पर अफसरों ने अनुरोध किया कि जरूरत पड़ने पर बोर्ड प्रशासन ऐसे परीक्षक नियुक्त करने का अनुमोदन दें, ताकि व्यवस्था चलती रहे। सचिव ने कहा कि यह प्रकरण बुधवार को शिक्षा निदेशक माध्यमिक के समक्ष रखा जाएगा और उनकी अनुमति लेकर सभी जिलों को निर्देश जारी करेंगे। सचिव ने यह भी कहा कि मूल्यांकन कार्य 15 दिवस में पूरा होना है ऐसे में बोर्ड से परीक्षकों का अनुमोदन लेना तार्किक नहीं होगा, क्योंकि कुछ जिले इतना दूर हैं कि वहां से सूची आने और अनुमोदन देने में ही समय बीत जाएगा। ऐसे में यह जिम्मा जिला विद्यालय निरीक्षकों को सौंपा जाएगा। बैठक में परीक्षकों से गलत मूल्यांकन होने पर पारिश्रमिक कटौती, उसे तीन वषरे के लिए अयोग्य घोषित (डिबार) करने, पर्यवेक्षक तैनात करने के निर्देश भी दिए गए हैं। यह बताया गया कि 10वीं की एक कॉपी जांचने पर आठ व 12वीं के लिए 10 रुपए मिलेंगे। यहां बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद रहे.
शिक्षा निदेशक की मुहर के बाद सभी जिलों को जारी होगा आदेश
यूपी बोर्ड प्रशासन उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में और सख्तयूपी बोर्ड की अहम बैठक बुधवार को मुख्यालय पर पूर्वान्ह 11.30 बजे से होगी। शिक्षा निदेशक माध्यमिक व बोर्ड के सभापति अमरनाथ वर्मा इसकी अध्यक्षता करेंगे। इसमें ऑनलाइन विद्यालयों को मान्यता दिए जाने, योग पाठ्यक्रम को नये सत्र से लागू करने, पाठ्यचर्या व परीक्षा समिति के अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी। साथ ही परीक्षा व पंजीकरण शुल्क, पाठ्य पुस्तक आदि प्रकरण भी उठेंगे।