एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर बहराइच श्रावस्ती मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

इलाहाबाद : मुकदमों की सूचना देने में आयोग की आनाकानी

0 comments

इलाहाबाद : मुकदमों की सूचना देने में आयोग की आनाकानी

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : सांविधानिक संस्था का रुतबा पाने वाला उप्र लोकसेवा आयोग हर काम को दबाने व छिपाने में ही सारी शक्ति लगाए है। आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष डा. सुनील जैन व वर्तमान अध्यक्ष डा. अनिरुद्ध सिंह यादव के कार्यकाल के दौरान न्यायालयों में दाखिल मुकदमों की जानकारी नहीं दी जा रही है, बल्कि प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की ओर से आरटीआइ के तहत मांगी गई जानकारी पर आयोग ने लिखकर दे दिया कि आरटीआइ के तहत वही सूचनाएं दी जाती हैं जो संरक्षित की जाती है।

आयोग का कहना है कि आरटीआइ में सूचनाएं संकलित करके देने का प्रावधान ही नहीं है। समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय का कहना है कि आयोग यह जानकारी जानबूझ कर छिपा जा रहा है, क्योंकि आयोग ने पूर्व अध्यक्ष डा.अनिल यादव के कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में दर्ज हुए मुकदमों की जानकारी मांगी थी तो आयोग ने बताया था कि 315 मुकदमे हाईकोर्ट व 48 मुकदमे शीर्ष कोर्ट में लंबित हैं। साथ ही इनकी पैरवी पर खर्च हुई धनराशि का विवरण भी दिया था।

आरटीआइ के तहत एक ही तरह की सूचना मांगने पर एक बार सूचना देना और दूसरी बार न देना इस बात का प्रमाण है कि वर्तमान अध्यक्ष अपने और डा. जैन के कार्यकाल में दर्ज हुए मुकदमों की जानकारी छिपाई जा रही है। उन्हें डर है कि आरटीआइ के तहत जानकारी मिलने पर प्रतियोगी इसकी जानकारी पीआइएल के माध्यम से हाईकोर्ट को तो देंगे ही आयोग की भर्तियों की सीबीआइ जांच के लिए भी आधार बनाएंगे। आयोग से डा. अनिल यादव के जाने के बाद भी अभ्यर्थी लगभग हर परीक्षा परिणाम को कोर्ट में चुनौती देते आ रहे हैं। इससे बड़ी संख्या में मुकदमे न्यायालयों में लंबित हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।