इलाहाबाद : मुकदमों की सूचना देने में आयोग की आनाकानी
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : सांविधानिक संस्था का रुतबा पाने वाला उप्र लोकसेवा आयोग हर काम को दबाने व छिपाने में ही सारी शक्ति लगाए है। आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष डा. सुनील जैन व वर्तमान अध्यक्ष डा. अनिरुद्ध सिंह यादव के कार्यकाल के दौरान न्यायालयों में दाखिल मुकदमों की जानकारी नहीं दी जा रही है, बल्कि प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की ओर से आरटीआइ के तहत मांगी गई जानकारी पर आयोग ने लिखकर दे दिया कि आरटीआइ के तहत वही सूचनाएं दी जाती हैं जो संरक्षित की जाती है।
आयोग का कहना है कि आरटीआइ में सूचनाएं संकलित करके देने का प्रावधान ही नहीं है। समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय का कहना है कि आयोग यह जानकारी जानबूझ कर छिपा जा रहा है, क्योंकि आयोग ने पूर्व अध्यक्ष डा.अनिल यादव के कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में दर्ज हुए मुकदमों की जानकारी मांगी थी तो आयोग ने बताया था कि 315 मुकदमे हाईकोर्ट व 48 मुकदमे शीर्ष कोर्ट में लंबित हैं। साथ ही इनकी पैरवी पर खर्च हुई धनराशि का विवरण भी दिया था।
आरटीआइ के तहत एक ही तरह की सूचना मांगने पर एक बार सूचना देना और दूसरी बार न देना इस बात का प्रमाण है कि वर्तमान अध्यक्ष अपने और डा. जैन के कार्यकाल में दर्ज हुए मुकदमों की जानकारी छिपाई जा रही है। उन्हें डर है कि आरटीआइ के तहत जानकारी मिलने पर प्रतियोगी इसकी जानकारी पीआइएल के माध्यम से हाईकोर्ट को तो देंगे ही आयोग की भर्तियों की सीबीआइ जांच के लिए भी आधार बनाएंगे। आयोग से डा. अनिल यादव के जाने के बाद भी अभ्यर्थी लगभग हर परीक्षा परिणाम को कोर्ट में चुनौती देते आ रहे हैं। इससे बड़ी संख्या में मुकदमे न्यायालयों में लंबित हैं।