लखनऊ : क्लीन-ग्रीन स्कूल में हुआ घटिया निर्माण कार्य, उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा, शिक्षा भवन के सरकारी कार्यालयों में हर काम के लिए की जाती है वसूली, दी आंदोलन की चेतावनी
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सिंगार नगर में जेडी ने जांच में पाई खराब गुणवत्ता
स्कूल की मान्यता से लेकर शिक्षक की नियुक्ति के लिए तय है रेट
उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा, शिक्षा भवन के सरकारी कार्यालयों में हर काम के लिए की जाती है वसूली, दी आंदोलन की चेतावनी
करोड़ों का है नकल उद्योग
इन विभागों पर है भ्रष्टाचार के आरोप
प्रमुख कार्यों की रेट लिस्ट
*चयन बोर्ड से चयनित शिक्षकों का स्थानान्तरण : प्रबंधक स्तर पर एक लाख, जिला विद्यालय निरीक्षक स्तर-1 से 2 लाख, संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर पर एक लाख रुपए।
*जीपीएफ अग्रिम (स्थाई/अस्थाई)-10 से 15 प्रतिशत।
*नियमानुसार स्वीकृत अवशेषों का भुगतान-10 प्रतिशत तक।
*पुराने अथवा बकाया अवशेषों का अनियमित रूप से सीधे भुगतान-50 प्रतिशत तक।
*पदोन्नति : जिला विद्यालय निरीक्षक स्तर पर-25 हजार, संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर-50 हजार रुपए।
*चयन वेतनमान एवं प्रोन्नत वेतनमान-10 से 20 हजार रुपए।
*पेंशन की सामान्य स्वीकृति-30 से 50 हजार रुपए।
*सेवा पंजिका गायब करना-10 हजार रुपए तक।
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सिंगार नगर में जो काम हो रहा है, उसकी गुणवत्ता बहुत खराब है। मैंने काम रुकवा दिया है। साथ ही डीआईओएस को निर्देश दिए हैं। सरकार ने क्लीन स्कूल-ग्रीन स्कूल योजना में चयनित प्रत्येक विद्यालय को 50 लाख रुपए दिए हैं। ऐसे में निर्देश दिए गए हैं कि कार्य की गुणवत्ता खराब नहीं होनी चाहिए।
दीप चंद संयुक्त शिक्षा निदेशक, लखनऊ
लखनऊ। फर्जी छात्रों के पंजीकरण को मान्यता देने के लिए 200 रुपए प्रति छात्र। संबद्ध प्राइमरी विभाग में नियुक्ति के लिए 12 से 15 लाख रुपए। यही नहीं, माध्यमिक विद्यालयों (अल्पसंख्यक) में नियुक्ति के लिए 20 लाख रुपए तक की वसूली। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा भवन में संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय से लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक के दफ्तर तक में घूसखोरी की कुछ ऐसी ही रेट लिस्ट का खुलासा किया है।रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में संघ के नेताओं ने आरोप लगाए कि नवीन विद्यालयों की मान्यता से लेकर अतिरिक्त विषय की मान्यता लेने, पेंशन की सामान्य स्वीकृति से लेकिन शिक्षकों की नियुक्तियों तक का रेट तय है। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। संगठन इस भ्रष्टाचार से राज्य सरकार को अवगत कराने के लिए तीन अप्रैल से आठ अप्रैल तक ‘भ्रष्टाचार मिटाओ-शिक्षा भवन बचाओ’ सप्ताह मनाएगा। यदि कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन होगा। संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ. आरपी मिश्र व जिलाध्यक्ष एसकेएस राठौर ने कहा कि शिक्षा विभाग में बसपा सरकार में शुरू हुआ भ्रष्टाचार सपा सरकार में चरम पर पहंुंच गया। हजारों करोड़ के नकल उद्योग, नियुक्ति उद्योग एवं स्थानान्तरण उद्योग स्थापित हो गए। शासन व सत्ता के शीर्ष पर बैठे अधिकारियों के प्रश्रय में लखनऊ में स्थापित ये उद्योग एक हजार करोड़ की सीमा पार कर गए जिसका 80 प्रतिशत हिस्सा शासन और सत्ता के शीर्ष तक भी पहुंचा।
बोर्ड परीक्षा में नकल का उद्योग करोड़ों तक पहुंच गया है। संगठन के अनुसार फर्जी छात्रों के बोर्ड परीक्षा के फार्मो का अग्रसारण 200 रुपए प्रति छात्र लेकर किया जाता है। वहीं, परीक्षा केंद्रों का निर्धारण 2 से 5 लाख रुपए और मनचाहे परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों को भेजना 200 रुपए प्रति छात्र के हिसाब से होता है।शिक्षा भवन के कार्यालयों-जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय), उप-शिक्षा निदेशक, संयुक्त शिक्षा निदेशक, लेखाधिकारी कार्यालय जिला विद्यालय निरीक्षक तथा लेखाधिकारी मंडलीय ऑडिट इकाई।