इलाहाबाद : बेसहारा बच्चों के लिए जलाई तालीम की लौ, निर्धन-जरूरतमंद बच्चों के लिए शुरू किया मुफ्त कक्षा का संचालन
अजहर अंसारी ’ इलाहाबाद । तालीम को फैलाने का जुनून इनके सिर चढ़कर बोलता है। अनाथ, बेसहारा और निर्धन बच्चों के लिए इन्होंने बाकायदा मुहिम चला रखी है। ये हैं रूचि मित्तल। नैनी स्थित विशन चंद मेमोरियल स्कूल में इन्होंने ऐसे निर्धन और जरूरतमंद बच्चों के विशेष कक्षाओं का संचालन शुरू किया है जिसमें शिक्षा से विरत छह से 14 साल तक बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं। यहां प्रतिदिन दोपहर में दो घंटे कक्षाओं का संचालन होता है। रूचि के साथ अनुभवी शिक्षक भी इस मुहिम का हिस्सा हैं।
इनका कहना है कि गरीब बच्चों को पढ़ाने और और इन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का आइडिया इनके पिता स्वर्गीय विशन चंद्र का दिया हुआ है। अपने पिता की बातों को आत्मसात करते हुए इन्होंने नैनी में अपने शैक्षिक परिसर का विस्तार किया। यहां आसपास के क्षेत्र में रहने वाले ऐसे बच्चे को धन एवं संसाधनों के अभाव में शिक्षा नहीं ग्रहण कर पा रहे थे उन्हें जोड़ा। स्कूल न जा पाने वाले बच्चों में पहले शिक्षा के प्रति रूचि जगाई।
पिछले पांच वर्षो से इन्होंने 6 से 14 वर्ष के छात्रों के लिए शिक्षा के द्वार खोल। रूचि कहती हैं कि पिता जी की इच्छा थी कि शिक्षा का प्रसार सर्वाधिक हो। धन और संसाधन के अभाव में जो बच्चे तालीम नहीं पा सक रहे हैं उन्हें पढ़ने लिखने की सामग्री उपलब्ध करा दिया जाए। विशन चंद्र मेमोरियल स्कूल की स्थापना के लिए इनका ध्येय यही है। इनका कहना है कि स्कूल में वर्तमान में दो दर्जन बच्चों को चिह्न्ीत किया गया है, जिसको विशेष प्रशिक्षण के मध्यम से शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। कुछ तो बेहद पिछड़े बैकग्राउंड से हैं। सात वर्षीय अंकुश के पिता मजदूर हैं। दिहाड़ी मजदूरी के कारण कभी काम रहता है तो कभी हफ्तों बिना काम के ही बीतते हैं। ऐसे में अंकुश को शिक्षा दिला पाना उनके लिए असंभव है। रूचि ने अपनी इच्छा से इन्हें अपने स्कूल में बुलाया। कापी-किताब और लिखने पढ़ने की सामग्री उपलब्ध कराई। दोपहर में दो घंटा पढ़ने का प्रबंध कराया।
इसी प्रकार मजदूरी करने वाले शेष कुमार का पुत्र अंकित, ट्राली चलाने वाले राज निगम की पुत्री प्राची, रिक्शा चालक मिठाई लाल की पुत्री पिंकी और लेबर गुलाब की पुत्री शिवा भारतीय सहित दर्जनों छात्र शामिल हैं। अभिभावक रंजन सिंह का कहना है कि महंगाई के दौर में हम अपने बच्चों को दस वर्ष की उम्र तक नहीं पढ़ा सकते परन्तु विशन चंद्र मेमोरियल स्कूल की संचालिका ने हमारी परेशानी मुश्किल आसान कर दी। गौर तलब है कि रूचि मित्तल का स्थापित संस्थान रूचीज इंस्टीट्यूट तकनीकी और प्रोफेशनल शिक्षा के लिए समर्पित है। यहां विभिन्न प्रोफेशनल डिप्लोमा और डिग्री का आयोजन किया जाता है।
निर्धन-जरूरतमंद बच्चों के लिए शुरू किया मुफ्त कक्षा का संचालन
इनके सानिध्य में दर्जनों छात्र जुड़े हैं शिक्षा की मुख्य धारा सेनैनी स्थित विशन चंद्र मेमोरियल स्कूल में निधन छात्रों को पढ़ाती रूचित मित्तल।