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लखीमपुर खीरी : काफी गहरी हैं बीएसए आफिस में भ्रष्टाचार की जड़ें, जिले में बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षकों की पेंशन और जीपीएफ के भुगतान के मामले लटके हुए

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लखीमपुर खीरी : काफी गहरी हैं बीएसए आफिस में भ्रष्टाचार की जड़ें, जिले में बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षकों की पेंशन और जीपीएफ के भुगतान के मामले लटके हुए

संवादसूत्र, लखीमपुर (लखीमपुर) : जिले में बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षकों की पेंशन और जीपीएफ के भुगतान के मामले लटके हुए हैं। भ्रष्टाचार के चलते सेवानिवृत्त शिक्षकों को जीपीएफ का पैसा भी नहीं मिल पा रहा है। मामले का खुलासा डीएम के औचक निरीक्षण में हुआ। चार साल पहले रिटायर हुए एक शिक्षक के ही हाथों में पेंशन और जीपीएफ के मामलों का निस्तारण करते पाया गया।

जब खुद जिलाधिकारी को ही सेवानिवृत्त शिक्षक ने काम कराने के लिए दूर खड़े रहने का आदेश दे डाला। इस सीट पर सैकड़ों ऐसे मामले लटके पड़े हैं, जिसमें कई साल पहले सेवा से मुक्त हो चुके शिक्षकों के लाखों के देयक बाबुओं के कारस्तानी के चलते लटके पड़े हैं। मार्च माह में सेवानिवृत्त 158 बेसिक शिक्षकों को पेंशन और जीपीएफ का भुगतान तो दूर अभी तक उनकी फाइलें ही लखनऊ निदेशालय को नहीं भेजी जा सकीं। सेवानिवृत्त शिक्षक पेंशन और जीपीएफ के भुगतान के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे हैं। बड़ी संख्या में सहायक अध्यापक बने शिक्षकों के एरियर तक नहीं बन पाए हैं। एरियर पाने के लिए नवनियुक्त शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग के लेखा विभाग ने एक करामाती शिक्षक को सेवानिवृत्त के बाद लेखा संबंधी महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी सौंप दी। पिछले चार वर्षों से पेंशन और वेतन संबंधी मामलों के भुगतान का काम इन्हीं शिक्षक के हाथों होता था। यहां तक कि यह सेवानिवृत्त शिक्षक लेखाधिकारी के लीगल एडवाइजर भी बताए जाते हैं। तमाम शिक्षकों की पासबुकें तक अपडेट नहीं हैं। जबकि इसकी जिम्मेदारी लेखा विभाग की है। वर्ष 2016 में रिटायर हुए शिक्षकों का बढ़े हुए वेतन का एरियर अभी तक नहीं मिला है। इसके लिए वे लगातार चक्कर काट रहे हैं। जिलाधिकारी के मामला संज्ञान में आने के बाद इस भ्रष्ट महकमे में हलचल तो जरूर मची है, लेकिन इसका भविष्य में शिक्षकों को कितना फायदा मिल पाता है यह तो आने वाला समय बताएगा। इस विभाग में बिना सुविधाशुल्क दिए लेखा विभाग में काम करा पाना अब तक किसी मुसीबत से कम नहीं रहा है। लेखाधिकारी र¨वद्र शर्मा ने बताया कि वह न्यायालय में हैं इसलिए बात संभव नहीं है। देरशाम उनसे दोबारा बात नहीं हो पाई। उधर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय शुक्ला ने बताया कि उनके यहां कोई भी प्रकरण पेंशन आदि के नहीं लटके हैं। लेखा विभाग के स्तर पर ही मामले लंबित हैं।

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