लखनऊ : प्राइवेट स्कूलों की लूट से गुस्से में आये योगी ने लिया ऐतिहासिक फैसला, खुश होकर बोले मोदी- शाबाश
लखनऊ : पिछले काफी वक़्त से देश में प्राइवेट स्कूलों पर शिक्षा के नाम पर सबसे बड़ी लूट करने के आरोप लगते आये हैं. लोगों की शिकायत रही है कि प्राइवेट स्कूल वाले पिछले कई दशकों से लगातार छात्रों के परिजनों को लूटते आये हैं और सरकारें मूक-दर्शक बनी केवल तमाशा देखती रहीं. लेकिन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए कमर कस ली है.
नहीं चलेगी प्राइवेट स्कूलों की मनमर्जी !
खबर आयी है कि योगी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वो प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों द्वारा जबरन फीस बढ़ोतरी को किसी भी कीमत पर बर्दाशत करने वाले नहीं हैं. पहली कैबिनेट मीटिंग से पहले ही योगी सरकार की और से ऐलान किया गया कि यूपी में शिक्षकों की भर्ती के लिए बेसिक शिक्षा चयन बोर्ड का गठन किया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए बाकायदा एक अलग से नियमावली बनाने के निर्देश भी दे दिए हैं. काम में किसी तरह की टाल-मटोली भी योगी बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है, इसके चलते सीएम योगी ने अधिकारियों को 100 दिनों का अल्टीमेटम भी दे दिया है. योगी ने निर्देश दिए हैं कि 100 दिनों के अंदर-अंदर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव दिखाई देने चाहिए.
बढ़ती फीस पर नकेल कसने के साथ-साथ बच्चों को यूनिफार्म, कॉपी-किताब बांटने, कॉलेजों में लैबोरेट्री आदि बनाने, स्कूलों में बिजली की समुचित व्यवस्था करवाने के साथ ही परीक्षा के दौरान नकल के खिलाफ और सरकारी टीचरों द्वारा प्राइवेट कोचिंग चलाने के मामलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.
सीएम योगी के निर्देश
बेसिक शिक्षा विभाग
1. 100 दिनों के अंदर-अंदर बेसिक शिक्षा में हर हाल में बेहतर परिवर्तन दिखने चाहिए.
2. जुलाई महीने की 1 से 10 तारीख के बीच छात्रों को स्कूल यूनिफॉर्म, किताबों और स्कूल बैग मिल जाएँ.
3. स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति सौ-फ़ीसदी अनिवार्य कराएं, स्कूलों में शिक्षकों व् छात्रों की नियमित उपस्थिति के लिए बायोमैट्रिक्स सिस्टम का सहारा लिया जाए.
4. सभी स्कूलों में स्वच्छ पेयजल के साथ-साथ शौचालय की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए.
5. राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के तहत 1760 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान व् गणित की लैब बनवाई जाएँ.
6. कम्प्यूटर सहायतित शिक्षा कार्यक्रम के तहत 8628 स्कूलों में कम्प्यूटर लैब खुलवाई जाएँ.
7. शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बेसिक शिक्षा चयन बोर्ड का गठन किया जाए.
8. अगले 100 दिनों के अंदर-अंदर राज्य के 45,809 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में बिजली की सुचारू रूप से व्यवस्था की जाए.
9. कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को स्कूल यूनिफॉर्म के साथ दो जोड़ी मोजे और सर्दी में एक स्वेटर भी जरूर दिया जाए.
10. जो बच्चे स्कूल नहीं जा रहे, उनका पता लगाने के लिए घर-घर जाके सर्वे कराया जाए.
उच्च शिक्षा विभाग
1. प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों का पाठ्यक्रम एक जैसा होना चाहिए, साथ ही सेशन भी नियमित किए जाएं.
2. विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को जल्द से जल्द दूर किया जाए.
3. शिक्षकों की भर्ती में पारदर्शिता लायी जाए ताकि इसमें भ्रष्टाचार की गुंजाइश ही ना बचे.
माध्यमिक शिक्षा विभाग
1. परीक्षा में नकल करवाई जाना एक बड़ी समस्या है. नकल करवाने वालों और ऐसे केंद्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
2. नक़ल करवाने वाले केंद्रों को ब्लैकलिस्ट करके उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज की जाए.
3. प्राइवेट स्कूलों व् कॉलेजों द्वारा वसूली जा रही मनमानी फीस को रोकने के लिए नियमावली बनाई जाए.
4. यूपी में लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए समर्थ बनाने के लिए स्कूलों में रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा कार्यक्रम व् योग शिक्षा कार्यक्रम को अनिवार्य किया जाए.
5. जो सरकारी शिक्षक प्राइवेट कोचिंग चलाते हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए.
6. स्कूलों में अधिकतम 200 दिनों में कोर्स पूरा किया जाए.
व्यावसायिक शिक्षा
1. आईटीआई संस्थानों में पुराने कोर्स जैसे रेडियो मैकेनिक आदि समाप्त करके नए कोर्स शुरू किए जाएं.
2. आईटीआई के विद्यार्थियों को भी विदेशों में रोजगार करने के अवसर मिल सके इसके लिए एनआरआई विभाग के साथ समन्वय कर कार्ययोजना बनायी जाए.
3. नौकरी पेशा लोग भी आईटीआई संस्थानों में पढ़ पाएं इसके लिए संस्थानों को को सुबह व् शाम दो शिफ्ट में चलाया जाए.
कुल मिलाकर देखा जाए तो प्रदेश में योगी ना केवल प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने के फैसले ले चुके हैं बल्कि सम्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था को सुव्यवस्थित करके इसके विकास के लिए भी कई बड़े फैसले ले चुके हैं. केवल दो हफ्ते पहले बनी सरकार में सीएम योगी द्वारा लिए जा रहे कड़े फैसलों की तारीफ़ देश-विदेशों तक में होनी शुरू हो गयी है.