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बाराबंकी : मेमसाहबों की पहली पसंद बाराबंकी, आठ छात्रों को पढ़ाते मिले 17 शिक्षक !

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बाराबंकी : मेमसाहबों की पहली पसंद बाराबंकी, आठ छात्रों को पढ़ाते मिले 17 शिक्षक !

🔴 रजिस्टर में छात्र संख्या 244, लेकिन रोज आने वाले औसत छात्र संख्या सिर्फ पचास

🔵 लखनऊ से सटे बाराबंकी के इलाकों में शिक्षकों की संख्या छात्र के अनुपात में ज्यादा

🌕 एडी बेसिक ने बाराबंकी के निंदूरा में पकड़ा छात्र नामांकन का फर्जीवाड़ा

🌑 सूरतगंज, रामनगर, सिरौली गौसपुर व पूरेडलई में शिक्षकों की संख्या कम मिली

बाराबंकी में एडी बेसिक के निरीक्षण में सामने आया कि बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में अधिक शिक्षक तैनाती का मामला नया नहीं है। यह खेल वर्षों से चल रहा है। राजधानी में तैनात बड़े अफसर अपनी पत्नियों व परिचतों को बाराबंकी में तैनाती दिलवाना सबसे आसान मानते हैं। खासकर उस स्कूल में जो लखनऊ सीमा के आसपास यानि 10 से 15 किलोमीटर की दूरी में हो। जबकि विभाग का नियम है कि 35 छात्र पर एक शिक्षक की तैनाती की जाए। इसके बावजूद बाराबंकी में यह आदेश ठेंगे पर है। सिफारिशों के चलते शिक्षक व छात्र अनुपात का मानक दम तोड़ चुका है। लखनऊ से सटे बंकी, हरख, त्रिवेदीगंज, निंदूरा व देवा ब्लॉक में शायद ही कोई ऐसा स्कूल हो जहां पर छात्र संख्या अधिक प्रदर्शित कर शिक्षकों की तैनाती न की गई हो। इससे इतर बाराबंकी के सूरतगंज, रामनगर, सिरौली गौसपुर व पूरेडलई ब्लॉक में छात्र संख्या की तुलना में जरूरत भर के शिक्षक मिलना मुश्किल हैं। इस खेल पर कभी भी सत्ता बदलने का असर नहीं पड़ता है।

•एनबीटी, बाराबंकीः बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं पर राजधानी से महज 10 किलोमीटर की दूरी के स्कूलों में शिक्षकों को खपाने का कार्य किया जा रहा है। हालत यह हैं कि कई जगहों पर तो औसतन तीन छात्रों पर एक शिक्षक की तैनाती कर रखी गई है। यह सच अपर निदेशक बेसिक शिक्षा राजेश कुमार वर्मा ने गुरुवार को निंदूरा ब्लॉक के स्कूलों का दौराकर देखा और इस फर्जीवाड़े की कमिटी गठित कर जांच के आदेश जारी किए। यह भी कहा कि जरूरत से ज्यादा शिक्षकों की तैनाती वाले स्कूलों से शिक्षकों को जरूरत वाले स्कूलों में तैनात किया जाए।

एडी बेसिक सुबह आठ बजकर 10 मिनट पर निंदूरा ब्लॉक के जूनियर हाईस्कूल बहरौली पहुंचे। यहां पर 183 छात्र पंजीकृत है। हालांकि मौके पर उन्हें सिर्फ आठ छात्र ही मिले। शिक्षकों की तैनाती 17 थी। पिछले एक वर्ष के अंतराल में एमडीएम रजिस्टर पर दर्ज उपस्थिति औसत प्रतिदिन 50 के आसपास दिखाई गई थी। मौके पर शिक्षक रेखा श्रीवास्तव, अर्चना सिंह, सविता वर्मा, रश्मी सिंह,अनीता अंजनी, मालाकुमारी और राजेश कुमार बिना प्रार्थनापत्र गैरहाजिर थे। दो शिक्षक रीता खरे मेडिकल लीव व एक अन्य ममता चाइल्ड केयर लीव पर मिलीं।

यही के ही प्राइमरी स्कूल बहरौली में पंजीकृत छात्र संख्या 244 थी, लेकिन मौजूदा समय में मौजूद महज नौ छात्र थे। पिछले एक वर्ष के अंतराल में यहां पर कभी भी 70-80 से अधिक छात्र मौजूद नहीं दिखाए गए लेकिन तैनाती पांच शिक्षकों की मिली। पांच में से शिक्षक अरविंद व रंजीत गैरहाजिर थे। एडी बेसिक यहां के बाद प्राइमरी स्कूल हेमापुरवा पहुंचे। यहां पर पंजीकृत 69छात्र में महज 21 छात्र ही मौजूद थे।

औसत उपस्थिति एक वर्ष के अंतराल में तीस छात्रों से अधिक कभी नहीं रही पर तैनाती पांच शिक्षकों की इसमें भी साढ़े आठ बजे पांच में से महज चार शिक्षक ही मौजूद मिले। एक शिक्षक पीपी सिंह निरीक्षण समाप्त होने के दौरान पहुंचे। इसी प्रकार करीब नौ बजे प्राइमरी स्कूल कल्लुपुरवा में तैनात छह शिक्षकों में से महज पांच ही मौजूद थे। एक शिक्षक सबीना खातून अनुपस्थित थी। यहां पर भी अधिक छात्र संख्या पंजीकरण का खेल मिला।

रजिस्ट्रेशन 118 छात्रों का था पर मौजूद महज 29छात्र थे। पिछले वर्ष की उपस्थिति की पड़ताल में एडी ने पाया कि यहां पर कभी भी औसत 30छात्र से अधिक आए ही नहीं। लेकिन शिक्षकों की तैनाती छह देखकर वह दंग रह गए। एडी बेसिक ने बताया कि यह महज संयोग नहीं है। यहां पर अधिक छात्रों का पंजीकरण दिखाकर यह लोग राजधानी के पास बने रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि फर्जी नामांकन की जिला स्तर पर कमिटी गठित कर जांच के आदेश दिए गए है।

यह कमिटी पिछले एक वर्ष के दौरान मध्याह्न भोजन, ड्रेस व अन्य मदों में व्यय दिखाए गए अनाज व कनवर्जन कास्ट की जांच करेंगी कि कहीं यहां पर अधिक छात्र पंजीकरण व उपस्थित दिखाकर सरकारी धन का गबन तो नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बीएसए को वास्तविक छात्र संख्या का पंजीकरण कराने तथा उसी मानक के अनुरूप शिक्षकों की तैनाती के निर्देश भी दिए हैं।

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