एटा : फिर ड्रेस की तैयारी में जुटे शिक्षक, शिक्षक संगठन भी कर चुके विरोध
जागरण संवाददाता, एटा : वाह रे बेसिक शिक्षा विभाग। अभी तक पिछले सत्र में बच्चों को वितरित की गई स्कूल ड्रेस का भुगतान हो नहीं पाया और अब नए सत्र में निर्धारित समय के अंतर्गत ड्रेस वितरित करने का फरमान जारी हो गया। शिक्षकों पर अभी भी ड्रेस की उधारी बनी हुई है।
शिक्षा की गुणवत्ता और स्कूलों के बेहतर संचालन के बाद शासन से लेकर विभाग कर रहा है। इसके बावजूद स्कूल स्तर पर योजनाओं के बुरे हाल के पीछे अपनी कमियों पर पर्दा डालने का काम हो रहा है। स्कूलों में ड्रेस वितरण के लिए निर्देशों की झड़ी रहती है। सही नाप, अच्छी सिलाई और मानक के अनुरूप ड्रेस का कपड़ा। मजबूरी में शिक्षकों को भी सब कुछ करना पड़ता है। पिछले सत्र में भी ड्रेस वितरण 15 अगस्त तक कराने के निर्देश दिए गए। पर्यवेक्षण के लिए अधिकारियों की ड्यूटी के कारण शिक्षकों ने उस समय भी बिना बजट मिले अपने ही स्तर से भुगतान की व्यवस्था कर बच्चों को ड्रेस पहनवाई। प्रथम किश्त के रूप में 75 फीसद धनराशि स्कूल के खातों में नवंबर व दिसंबर तक पहुंच पाई।
इसके बाद जिले में वितरित की गईं 1 लाख 58 हजार बच्चों की ड्रेस का 25 फीसद भुगतान अभी तक नहीं हो सका है। जबकि नया शिक्षा सत्र शुरू हो चुका है। यही नहीं गरीबी रेखा से अलग बच्चों की ड्रेस की धनराशि भी विभाग अभी तक जारी नहीं कर सका है। पहले से ही उधारी और खुद की व्यवस्थाओं से भुगतान कर चुके शिक्षकों के लिए जिले में अब और समस्या बढ़ गई है। कारण यही है कि अभी तक पिछली धनराशि का भुगतान हो नहीं पाया और उन्हें 15 जुलाई तक इस बार भी ड्रेस वितरण करानी होगी। शासन के निर्देश मिलने के बाद विभाग ने नए दिशा-निर्देश तो सभी खंड शिक्षाधिकारियों के माध्यम से शिक्षकों तक पहुंचा दिए, लेकिन पिछले सत्र की ड्रेस के अवशेष भुगतान को लेकर कोई भी ¨चता नहीं है।
शिक्षक संगठन भी कर चुके विरोध
विभाग के द्वारा ड्रेस के अवशेष भुगतान न होने को लेकर पिछले महीने से लगातार शिक्षक संगठन विभाग को लिखित रूप में संबंधित समस्या का निदान कराने की मांग और विभागीय स्तर की लापरवाही पर विरोध जताते रहे हैं। इसके बावजूद भी विभाग ने अभी मामले को गंभीरता से नहीं लिया है।
लेखाधिकारी की बताई जा रही समस्या
पूर्व जिलाधिकारी द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के लेखाधिकारी को पदमुक्त करा दिया था। इसके बाद इस पद पर कोई भी स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है। जिला समन्वयक सामुदायिक शिक्षा मदन राजपूत का कहना है कि अवशेष भुगतान की तैयारी पूरी है सिर्फ लेखाधिकारी के न होने से समस्या आ रही है।