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इलाहाबाद : चयन बोर्ड में बड़े बदलाव करेगी सरकार, माध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव ने हाईकोर्ट में स्थिति की स्पष्ट

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इलाहाबाद : चयन बोर्ड में बड़े बदलाव करेगी सरकार, माध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव ने हाईकोर्ट में स्थिति की स्पष्ट

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र में सरकार बड़े बदलाव करने की में है। चयन बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों के चयन की प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन होने जा रहा है। साथ ही सरकार ऐसी नीति लाने जा रही है जिसमें माध्यमिक कालेजों में गुणवत्ता युक्त शिक्षकों का चयन पारदर्शी तरीके से होगा। है कि नया शैक्षिक सत्र शुरू होने से पहले इस दिशा में ठोस कदम बढ़ा दिये जाएं। यह दावा माध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने हाईकोर्ट के समक्ष किया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार ने चयन बोर्ड के कामकाज में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया है।

प्रदेश भर के अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्रवक्ता व एलटी ग्रेड शिक्षकों का चयन करने वाले माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र में चयन प्रक्रिया इन दिनों ठप है। इसके साथ ही उप्र लोकसेवा आयोग, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग उप्र, बेसिक शिक्षा परिषद और राजकीय माध्यमिक कालेजों में भी भर्ती प्रक्रिया जहां की तहां रुकी है। चयन बोर्ड के वर्ष 2013 के छह विषयों के लंबित परिणाम जारी कराने के लिए अभ्यर्थी दौड़ लगा रहे हैं। इसी बीच हाईकोर्ट में चयन व नियुक्तियां रोकने को लेकर याचिका दायर हुई है उसमें कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव से नियुक्तियां रोकने का कारण पूछा था। इस पर प्रमुख सचिव ने कोर्ट को पत्र सौंपकर स्पष्ट किया है कि चयन बोर्ड आटोनॉमस इकाई है और वह कामकाज को लेकर पूरी तरह से स्वतंत्र है। सरकार उसमें किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं करती है। सब कुछ चयन बोर्ड के तय शेड्यूल के अनुसार हो रहा है।

प्रमुख सचिव ने कोर्ट को यह भी बताया है कि प्रदेश के अशासकीय इंटरमीडिएट कालेजों में गुणवत्तायुक्त शिक्षक मुहैया कराने के लिए नई नीति लाने की में है। इसके लिए चयन बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों की चयन प्रक्रिया में व्यापक बदलाव होना है। सरकार की मंशा है कि ऐसा बोर्ड गठित हो जिसमें शिक्षकों का पारदर्शी तरीके से चयन किया जाए और उम्दा शिक्षक विद्यालयों को मिले। यह व्यवस्था नये शैक्षिक सत्र से लागू करने की मंशा है। प्रमुख सचिव के इस दावे से स्पष्ट है कि अन्य आयोगों को लेकर भी सरकार बड़े बदलाव करने की में है। प्राथमिक विद्यालयों के लिए चयन बोर्ड बनाने का एलान पहले ही हो चुका है, वहीं राजकीय कालेजों के एलटी ग्रेड शिक्षकों की नियुक्ति अब लिखित परीक्षा होगी इसका निर्णय किया जा चुका है।’

माध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव ने हाईकोर्ट में स्थिति की स्पष्ट

योग्य शिक्षक तलाशने को आएगी नई नीति

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