आगरा : सरकार चाहती है कि बेसिक स्कूलों के छात्रों की पब्लिक स्कूलों के छात्रों से अच्छी ट्यूनिंग रहे, बेसिक स्कूलों की ट्यूनिंग बिगड़ी
जागरण संवाददाता, आगरा: सरकार चाहती है कि बेसिक स्कूलों के छात्रों की पब्लिक स्कूलों के छात्रों से अच्छी ट्यूनिंग रहे। वे उन्हीं की तरह संवाद कर सकें, उनकी तरह खेलें, ज्ञान अर्जन करें और आधुनिक बनें, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग का स्थानीय प्रशासन नहीं चाहता है। इसी मंशा का नतीजा है कि एक साल बीत गया, लेकिन बेसिक स्कूल के छात्रों के लिए ट्यूनिंग प्रोग्राम नहीं हुआ।
एक साल पहले तत्कालीन सपा सरकार ने बेसिक स्कूलों के छात्रों का मानसिक विकास करने, उन्हें आधुनिक पब्लिक स्कूल के छात्रों की दिनचर्या से परिचित कराने को ट्यूनिंग प्रोग्राम संचालित किया था। इसके लिए बजट भी जारी किया था। ट्यूनिंग प्रोग्राम में आठ परिषदीय स्कूलों का चयन करना होता है। इन स्कूलों के 100 टॉपर छात्रों को सीबीएसई, पब्लिक स्कूलों में भ्रमण कराने का प्रोग्राम बनाया जाता है। करीब एक सप्ताह ये स्कूली छात्र पब्लिक स्कूल के छात्रों के साथ रहते हैं। संवाद करते हैं, एक-दूसरे की हॉबी जानते हैं। तमाम बिंदुओं पर अपने विचार साझा करते हैं। ड्रेस सेंस से लेकर लाइफ स्टाइल की बातें की जाती हैं, जिससे पता चल सके कि हम किन बिंदुओं पर कमजोर हैं और किन बिंदुओं पर मजबूत।
आधुनिकता की दौड़ में हम कितने पीछे हैं। ताकि इसका आकलन हो सके। पूरा सत्र खत्म हो गया और नया सत्र शुरू हो गया, लेकिन बेसिक विभाग ने इस ट्यूनिंग प्रोग्राम को संचालित ही नहीं किया। अब विभाग के कुछ अफसर नए सत्र में ट्यूनिंग प्रोग्राम चलाने की बात कर रहे हैं। जबकि प्रभारी बीएसए राजेश चौधरी कहते हैं कि ट्यूनिंग प्रोग्राम के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है।