लखनऊ : मोदी के मंत्री बोले, सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की तय होगी जवाबदेही
ब्यूरो/अमर उजाला, लखनऊ । केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता ठीक नहीं है। अलग-अलग सर्वेक्षणों में यह सामने आया है कि विद्यार्थी अपनी कक्षा की सामान्य किताबें भी नहीं पढ़ पाते। कक्षा 6 के छात्र को कक्षा 4 की भी गणित नहीं आती।
केंद्र सरकार इस स्थिति में बदलाव लाने के लिए ठोस नीति पर काम कर रही है। इसके लिए हर क्लास का लर्निंग आउटकम फ्रेमवर्क तैयार करवाया जा रहा है। इससे शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए शिक्षकों की जवाबदेही भी तय होगी।
जावेड़कर सोमवार को गोमतीनगर स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में ‘21वीं शताब्दी में शिक्षा का नया मॉडल’ विषय पर अपनी बात रख रहे थे।
उन्होंने कहा कि यूपी की शिक्षा व्यवस्था हमारे लिए चुनौती भी है और चिंता की बात भी। यहां अभिभावक ही बच्चों को परीक्षा में नकल कराते हैं। यह बच्चों की मदद नहीं, बल्कि उनका भविष्य चौपट करने का काम है। अभिभावकों को परीक्षा हॉल में लिखी हुई कॉपियां पहुंचाने के बजाय बच्चों की पढ़ाई में मदद करनी चाहिए।
*हर क्लास के हिसाब से होगा लर्निंग आउटकम*
उन्होंने कहा कि सरकार ने हर क्लास के हिसाब से लर्निंग आउटकम फ्रेमवर्क तैयार किया है जो हर क्लासरूम के भीतर लगा होगा। एडमिशन के वक्त उसे अभिभावकों को भी उपलब्ध कराया जाएगा। इससे उन्हें पता रहेगा कि किस क्लास में क्या पढ़ाया जाना है और बच्चों को क्या आना चाहिए। इससे शिक्षकों के साथ अभिभावकों की भी जवाबदेही तय हो सकेगी।
आठवीं तक फेल न होने से नवीं में बढ़ा ड्रॉपआउट रेट
जावडे़कर ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आठवीं कक्षा तक छात्रों को फेल नहीं किया जा सकता। इसके चलते 9वीं कक्षा में ड्रापआउट का रेट तेजी से बढ़ा है। उन्होंने कुछ स्कूलों के उदाहरण रखते हुए कहा कि हर सरकारी स्कूल न खराब है और न ही हर प्राइवेट स्कूल अच्छा। पिछले साल जवाहर नवोदय विद्यालय के 700 बच्चे आईआईटी में चयनित हुए।
अगर केंद्रीय और नवोदय विद्यालय अच्छे हो सकते हैं तो बाकी सरकारी स्कूलों को भी बेहतर बनाया जा सकता है। सरकारी स्कूलों में सबकुछ ठीक न होने का मतलब यह नहीं है कि सुधार की गुंजाइश खत्म मान ली जाए।
हम सरकारी स्कूलों की बेहतर बनाने के लिए हरसंभव उपाय करेंगे। कार्यक्रम में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल और राज्यमंत्री संदीप सिंह भी मौजूद रहे।