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इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के साथ अब उनके स्वास्थ्य की भी जांच करेंगे।

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इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के साथ अब उनके स्वास्थ्य की भी जांच करेंगे।

इलाहाबाद । बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के साथ अब उनके स्वास्थ्य की भी जांच करेंगे। शिक्षक बच्चों को खून की कमी, कुपोषण से बचाने के लिए आयरन की गोलियां खिलाएंगे और दवा के दुष्प्रभाव से बचने के लिए भी उपाय करेंगे। बच्चों को दी जाने वाली दवाओं का पूरा हिसाब भी रखना होगा। इसके लिए शिक्षकों को रजिस्टर भी दिए गए हैं, जिसमें दिसंबर 2017 तक साप्ताहिक और माहवार दवाओं का ब्योरा दर्ज करना होगा। यह काम यूनिसेफ तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से शुरू किया गया है।

प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों को पढ़ाई के साथ अभी तक बच्चों के लिए भोजन का इंतजाम देखना होता है। अब एक और नया काम उन्हें सौंप दिया गया है। सरकार ने यूनीसेफ के सहयोग से साप्ताहिक आयरन एवं फॉलिक एसिड संपूर्ण कार्यक्रम (डब्ल्यूआईएफएस) शुरू किया है। इसके तहत बेसिक शिक्षकों को विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को आयरन, फॉलिक एसिड टैबलेट्स समेत विटामिन की अन्य दवाएं खिलानी होंगी। 45 मिलीग्राम की छोटी गोली कक्षा एक से पांच तक के छात्र-छात्राओं को तथा 100 मिलीग्राम की गोली कक्षा छह से आठ तक के छात्र-छात्राओं को हर हफ्ते खिलानी होगी। इन दवाओं से बच्चों में खून की कमी से होने वाली बीमारियों में कमी आएगी। इन विद्यालयों में पढ़ने वाले गरीबों, किसानों के बच्चों को एनीमिया, कुपोषण जैसे बीमारियों से बचाया जा सकेगा।

रजिस्टर में शिक्षकों को दवाएं और उसका हिसाब रखना होगा। उन्हें दवाएं खिलाने और उसके फायदे-नुकसान के संबंध में जानकारी के लिए पुस्तिका भी दी गई है, रजिस्टर में साप्ताहिक एवं मासिक रिपोर्ट दर्ज होगी। प्राथमिक विद्यालयों में कक्षावार पांच एवं उच्च प्राथमिक कक्षावार शिक्षकों को तीन रजिस्टर दिए गए हैं, जिसमें हर हफ्ते की रिपोर्ट दर्ज करनी है। दवाएं कैसे खिलानी है, इसका भी ध्यान रखना है।

प्रदेश में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की भारी-भरकम संख्या है। इनमें छात्र-छात्राओं की संख्या भी काफी अधिक है। ग्रामीण क्षेत्र में एक लाख नौ हजार 500 और नगर क्षेत्र में 3600 प्राथमिक विद्यालय हैं। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में उच्च प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 44500 तथा नगर क्षेत्र में करीब 800 हैं। इसमें से अकेले इलाहाबाद के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन हजार प्राथमिक विद्यालय और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की संख्या एक हजार हैं। इन स्कूलों में तकरीबन 1.32 करोड़ शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

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