महराजगंज : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय लक्ष्मीपुर की वार्डेन के प्रयास एवं सहयोग की हो रही है प्रशंसा, गरीब के बेटी की शादी का जिम्मा उठा करवाई शादी ।
महराजगंज : कहा गया है कि जिसका कोई नहीं होता उसका खुदा होता है। इंसान अगर ठान ले तो दुनिया का कोई भी कार्य आसान हो जाएगा और उसकी मदद के लिए हजारों लोग आगे आएंगे। कुछ ऐसा ही हुआ लक्ष्मीपुर क्षेत्र के पोखरभिंडा निवासी राजेंद्र वर्मा के साथ। गरीबी से टूटी कमर, सिर पर छह बेटियों का बोझ और ऊपर से आर्थिक तंगी की भर उठाना बड़ी मुश्किल काम था। राजेंद्र इस बात को लेकर चिंतित थे कि मेरी जवान बेटी गुड़िया के हाथ कैसे पीले होंगे। शादी के लिए एक-दो जगह हाथ-पांव मारे भी तो दहेज़ रूपी दानव ने वापस घर आने पर मजबूर कर दिया। लेकिन उसके लिए कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय लक्ष्मीपुर की वार्डेन वंदना मिश्र भगवान के रूप में मिली और बड़ी बेटी गुड़िया के हाथ पीले करने की वीणा उठाई। मंगलवार को राजेंद्र का सपना सच में बदल गया और इसके गवाह बने पोखरभिंडा गांव के लोग। क्या घराती और क्या बाराती। लोगों ने एक दूसरे के आवभगत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। मंगलवार को महुआरी निवासी सोमनाथ के पुत्र अखिलेश के साथ जब राजेंद्र की पुत्री गुड़िया विवाह बंधन में बंधी तो लोगों ने फूलों की वर्षा कर वर-वधू का स्वागत किया और सुखमय जीवन की कामना किया। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की वार्डेन वंदना मिश्र के इस पुनीत कार्य की चहुंओर चर्चा हो रहा है। हालांकि क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता एवं विभिन्न संगठनों के लोगों ने भी हाथ बंटाया।